Patra Chawl Scam Sanjay Raut: मुंबई (Mumbai) का पात्रा चॉल घोटाला देश की सुर्खियों में है. शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) इसी केस में ईडी के शिकंजे में हैं. बताया जा रहा है कि ये घोटाला 1000 करोड़ से भी ज्यादा का है. यहां 600 से ज्यादा लोगों को घर बना कर देने थे.
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Sanjay Raut ED custody: शिवसेना (Shiv Sena) के राज्यसभा सांसद संजय राउत की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) लगातार उनसे सवाल-जवाब कर रही है. वहीं इस पूछताछ से इतर संजय राउत को कोर्ट से झटका लगा है. अदालत ने आज संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में आठ अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है. वहीं दूसरी ओर संजय राउत ईडी के कई सवालों से परेशान हैं, जिनका उनके पास या तो कोई जवाब नहीं है या फिर वो जवाब देने से बचना चाहते हैं.
ईडी की जांच जारी
इससे पहले ईडी के अधिकारियों ने पात्रा चॉल मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े मुंबई में दो परिसरों की तलाशी ली, जिसमें शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों के अनुसार, इन दो परिसरों में एक उस व्यक्ति का आवास शामिल है, जिसने फर्म HDIL (हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) के लिए नकद लेनदेन किया और दूसरा परिसर कंपनी से संबंधित है. इस शख्स को ईडी ऑफिस भी लाकर उसका बयान दर्ज किया गया. सूत्रों के मुताबिक जिस शख्स को उसके परिसर में तलाशी के बाद ईडी के अधिकारियों के पास लाया गया था वो फर्म और उसकी सहायक फर्मों के लिए भारी मात्रा में नकद लेनदेन करता था और कंपनियों के खातों को भी देखता था. वहीं दूसरी तरफ HDIL के एक अन्य परिसर से भी कुछ दस्तावेज जब्त किए गए हैं.
आपको बताते चलें कि स्वप्ना पाटकर ने ईडी को इसकी जानकारी दी है कि संजय राउत और उसके पति के अच्छे संबंध थे और उन्हीं के इशारे पर अलीबाग में स्वप्ना के नाम पर जमीन ली गई थी जिसके लिए कैश में भी डील हुई थी.अब सवाल ये है कि आखिर संजय राउत क्या छुपा रहे हैं. वहीं संजय राउत की जिस दिन गिरफ्तारी हुई उस दिन रेड के दौरान उनके घर से मिले साढ़े 11 लाख कैश को लेकर भी ईडी के अधिकारियों ने उनसे सवाल पूछे हैं, लेकिन इस बारे में भी उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब अबतक नहीं दिया है. अब कोर्ट द्वारा आठ अगस्त तक रिमांड पर भेजे जाने के बाद माना जा रहा है कि मामले की जांच में और तेजी आ सकती है.
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
मुंबई का पात्रा चॉल घोटाला देश की सुर्खियों में है. शिवसेना सांसद संजय राउत इसी केस में ईडी के शिकंजे में हैं. बताया जा रहा है कि ये घोटाला 1000 करोड़ से भी ज्यादा का है. यहां 600 से ज्यादा लोगों को घर बना कर देने थे. यह मामला साल 2008 में शुरू हुआ था लेकिन 2008 से लेकर 2022 तक अभी भी लोग घरों के इंतजार में हैं. पात्रा चॉल मुंबई के गोरेगांव इलाके में मौजूद है. ये जगह करीब 47 एकड़ में फैली थी. शुरुआत में गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इसे रीडिवेलप करने का कॉन्ट्रैक्ट लिया और बाद में एचडीआईएल (HDIL) समेत कई कंपनियों के पास इसे बेच दिया गया. जिसका नतीजा ये हुआ कि आज भी यहां के मूल निवासियों को उनका घर नहीं मिल पाया और वो आज भी यहां वहां भटक रहे हैं. वहीं पीड़ित लोगों को किराया भी नहीं दिया जा रहा है.
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