Mehbooba Mufti: अमन तो कब्रिस्तान में भी होता है... जम्मू कश्मीर चुनाव से पहले क्या चाहती हैं PDP चीफ महबूबा मुफ्ती?
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Mehbooba Mufti: अमन तो कब्रिस्तान में भी होता है... जम्मू कश्मीर चुनाव से पहले क्या चाहती हैं PDP चीफ महबूबा मुफ्ती?

Jammu Kashmir Assembly Elections: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अमन यानी शांति को लेकर अपनी अलग ही राय रखी है. पार्टी छोड़कर गए कुछ नेताओं की पीडीपी में वापसी करवाते हुए महबूबा ने श्रीनगर में कहा कि अमन तो कब्रिस्तान में भी होता है.

 

Mehbooba Mufti: अमन तो कब्रिस्तान में भी होता है... जम्मू कश्मीर चुनाव से पहले क्या चाहती हैं PDP चीफ महबूबा मुफ्ती?

PDP chief Mehbooba Mufti: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पहले विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है. विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी में नए सदस्यों के साथ ही पीडीपी को छोड़कर गए नेताओं को वापस शामिल करने पर काफी जोर दे रही हैं. इस दौरान महबूबा ने कश्मीर के अमन को लेकर कहा है कि अमन तो कब्रिस्तान में भी होता है.

जम्मू के चौधरी कमर समेत कई नेता पीडीपी में शामिल

जम्मू के सीनियर नेता चौधरी कमर समेत कई लोगों को पीडीपी में शामिल करवाते हुए महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में कहा,"...जम्मू-कश्मीर पिछले पांच सालों से कठिन दौर से गुजर रहा है. हालात ऐसे हैं कि लोगों में डर है. कोई इसे दिखाता नहीं है, लेकिन यह वहां है, इस स्थिति में, जब लोग हमसे जुड़ते हैं तो वे हमारी पार्टी को मजबूत करते हैं, साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज को मजबूत बनाते हैं."

कश्मीर में किस तरह का अमन चाहती हैं महबूबा मुफ्ती?

इसी दौरान महबूबा मुफ्ती ने अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कश्मीर के लिए बहुत काम किया. उन्होंने कश्मीर में तरक्की और अमन का एक नया दौर शुरू किया था. वैसे अमन तो कब्रिस्तान में भी होता है, मगर मुफ्ती साहब ने इज्जत के साथ अमन को बढ़ाया जिसमें लोग जिएं, खुलकर बातें करें और सिर उठाकर चलें. हम भी उसी अमन को चाहते हैं.

एक दिन पहले ही महबूबा मुफ्ती को लगा बड़ा सियासी झटका

इससे पहले महबूबा मुफ्ती को बड़ा झटका देते हुए उनके करीबी, सीएम रहने के दौरान उनके मीडिया सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने मंगलवार को पीडीपी छोड़ दी थी. पत्रकार से नेता बने बुखारी को वगूरा-क्रीरी सीट से चुनाव लड़ने की उम्मीद थी, लेकिन पिछले महीने पूर्व मंत्री बशारत बुखारी के पीडीपी में वापसी से उनके टिकट मिलने की संभावना खत्म हो गई. साल 2019 में पीडीपी-भाजपा सरकार गिरने के बाद बुखारी पीडीपी में शामिल हुए थे.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान

90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के लिए तीन चरणों में चुनाव होंगे. इसके लिए 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 24 सीटों पर और दूसरे-तीसरे चरण में क्रमशः 26 और 40 सीटों पर मतदान होगा. वहीं, चार अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इससे पहले पूर्ण राज्य रहने के दौरान जम्मू कश्मीर में लगभग एक दशक पहले नवंबर-दिसंबर, 2014 में पांच चरणों में चुनाव हुआ था. तब लद्दाख भी इसका हिस्सा था. 

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10 साल में काफी बदली जम्मू कश्मीर की राजनीतिक परिस्थिति

तब चुनाव नतीजे के बाद पीडीपी और भाजपा गठबंधन ने सरकार बनाई थी. मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनी थीं. इसके बाद दोनों पार्टी अलग हो गई और राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था. उसके कुछ समय बाद अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया गया था. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था. वहीं, लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. इस बड़े फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. 

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