Bandipora: बांदीपोरा जिले में सुरक्षा बलों ने आतंकियों के एक बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. इससे आतंकी किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते थे. एक्सपर्ट का मानना है कि ये पेन पिस्टल सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ा चैलेंज है.
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Pen Pistol Guns: पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आता है. करीब 22 साल बाद पाकिस्तान की पिस्टल वाली साजिश फिर से सामने आई है. हाल ही में बांदीपोरा जिले में सुरक्षा बलों ने आतंकियों के एक बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. इनके हवाले से भारी मात्रा में असला बारूद बरामद किया गया है, जिसमें एक पेन पिस्टल भी बरामद हुई थी. साल 2002 में पहली बार पेन पिस्टल का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर में हुआ था, लेकिन अब 21 सालों बाद पाकिस्तान के पाले आतंकियों ने एक बार फिर पेन पिस्टल का इस्तेमाल करने की कोशिश की है.
पेन पिस्टल बलों के लिए चैलेंज
दरअसल, जानकारी के मुताबिक इससे आतंकी किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते थे. एक्सपर्ट का मानना है कि ये पेन पिस्टल सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ा चैलेंज है. जिसका इस्तेमाल सुरक्षा बलों को चकमा देकर टारगेटेड किलिंग और आतंक फैलाने के लिए किया जा सकता है. इसको लेकर अब सुरक्षा बल और स्तर्क हो चुके हैं. कश्मीर में आतंक फैलाने की अपनी साजिशों में लगातार फेल हो रहा पाकिस्तान अलग अलग तरीके अपना कर आतंकवाद को जम्मू कश्मीर में जिंदा रखने के प्रयास कर रहा है.
पाकिस्तान हर प्लान में फेल
इसलिए कभी साइलेंसर पिस्टल तो कभी पेन पिस्टल का इस्तेमाल करने की कोशिश की जाती है. लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ शुरू किए गए ऑल आउट ऑपरेशन की वजह से पाकिस्तान अपने हर प्लान में फेल हो रहा है. बड़ी बात ये है कि पहले जिस तरह की मदद कश्मीर घाटी में अलगावादी और आतंकियों की वजह से पाकिस्तान को मिलती थी आज वो भी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है.
सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े जा रहे
अब आम जनता के सपोर्ट का ही कारण है कि आए दिन पाकिस्तान के पाले हुए आतंकी आम जनता की मदद से सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े जा रहे हैं. वहीं पाकिस्तान की इस 22 साल पुरानी पेन पिस्टल वाली साजिश को भी सुरक्षा बलों ने डिकोड कर उसके प्लान पर पानी फेर दिया है. (इनपुट- रजत वोहरा)