क्या UP में आखिरी किला बचाने में कामयाब हो पाएगी कांग्रेस? जान‍िए क्‍या है जनता की राय
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क्या UP में आखिरी किला बचाने में कामयाब हो पाएगी कांग्रेस? जान‍िए क्‍या है जनता की राय

कांग्रेस (Congress) का पुराना गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली (Raebareli) आगामी विधान सभा चुनाव (Assembly Elections) में चर्चा का विषय बन चुकी है. चारों तरफ इस बात की फुसफुसाहट है कि रायबरेली में इस बार किस पार्टी का वर्चस्व कायम होगा, कांग्रेस, भाजपा या सपा?

यूपी के रायबरेली में कौन मारेगा बाजी? (फाइल फोटो)

लखनऊ: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) 1999 से लेकर अब तक लगातार रायबरेली से सांसद (MP) हैं. इसके अलावा 1952 से लेकर 1999 तक सिर्फ 3 चुनावों (Elections) को छोड़कर लगातार गांधी परिवार (Gandhi Family) या फिर उनका कोई सिपहसालार ही इस सीट से चुनाव जीतता रहा है.

  1. यूपी के रायबरेली में चुनावी संग्राम
  2. कौन मारेगा बाजी, कांग्रेस या बीजेपी
  3. रायबरेली कांग्रेस का पुराना गढ़

क्या कहता है इतिहास?

इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को राजनारायण (Raj Narain) ने 1977 में यहां से चुनाव (Election) हराया था और 1996 और 1998 में कांग्रेस (Congress) के उम्मीदवार को यहां से हार का सामना करना पड़ा था जब अशोक सिंह यहां से बीजेपी (BJP) से चुनाव जीते थे. आपको बता दें कि अशोक सिंह बीजेपी में शामिल हुई रायबरेली की विधायक अदिति सिंह (Aditi Singh) के बड़े चाचा थे.

'अदिति सिंह के बयान में दिखा बचपना'

अदिति सिंह के परिवार का बीजेपी से पुराना नाता रहा है और उनके परिवार ने ही कांग्रेस पार्टी को यहां से हराया हुआ है. यही वजह है कि अदिति अब 2022 और 2024 में रायबरेली (Raebareli) से गांधी परिवार को साफ करने का दावा कर रही हैं. हालांकि गांधी परिवार के सिपहसालार और यूपी के दिग्गज कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) को अदिति सिंह (बीजेपी उम्मीदवार, रायबरेली सदर) के बयान में बचपना दिखता है.

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बीजेपी राहुल गांधी को घेरने में हुई कामयाब

दरअसल बीजेपी अमेठी (Amethi) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को घेरने में तो कामयाब रही थी लेकिन मोदी लहर के बावजूद 2014 और 2019 में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) इस सीट को बचाने में कामयाब रही थीं. लेकिन अब यहां की जनता और नेता दोनों कांग्रेस से नाराज दिख रहे हैं.

जनता की राय और पिछले चुनाव के नतीजे 

बता दें कि रायबरेली (Raebareli) की जनता के बीच चर्चा या तो बीजेपी (BJP) की है या फिर सपा (SP) की. रायबरेली जिले में कुल 6 विधान सभा सीटें (Assembly Seats) हैं. 2017 में बीजेपी ने इनमें से 3 सीटें जीती थीं. हाल ही में दो कांग्रेस विधायक (Congress MLA) अदिति सिंह और राकेश सिंह (Rakesh Singh) के बीजेपी में शामिल होने के बाद ये संख्या 5 हो गई है. इसके अलावा एक विधान सभा सीट पर सपा है. अब पूरे जिले (District) में कांग्रेस के पास एक भी विधान सभा सीट नहीं है. 

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क्या कहते हैं सीटों के आंकड़े ?

- रायबरेली सदर विधान सभा क्षेत्र: विधायक अदिति सिंह, भाजपा (पहले कांग्रेस अब भाजपा)
- हरचन्दपुर विधान सभा क्षेत्र: विधायक राकेश प्रताप सिंह, भाजपा (पहले कांग्रेस अब भाजपा)
- बछरावां विधान सभा क्षेत्र: रामनरेश रावत, भाजपा
- सलोन विधान सभा क्षेत्र: दल बहादुर कोरी, भाजपा
- सरेनी विधान सभा क्षेत्र: धीरेंद्र बहादुर सिंह, भाजपा
- ऊंचाहार विधान सभा क्षेत्र: डॉ. मनोज पांडे, सपा

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