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KGF: कभी मिट्टी उठाओ तो मिलता था सोना, 121 सालों में निकाला गया 900 टन गोल्ड

Kolar Gold Fields: हाल ही में रिलीज हुई KGF-2 लोगों को काफी पसंद आ रही है. यह फिल्म कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित सोने की खदान पर बेस्ड है. जिसे कोलार गोल्ड फील्ड्स के नाम से जाना जाता है. 

 

खदान पर बनी है केजीएफ-2

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खदान पर बनी है केजीएफ-2

केजीएफ-2 यानी कि कोलार गोल्ड फील्ड्स रिलीज हो गई है. फिल्म को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है. यह मूवी दक्षिणी कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित सोने की खदान पर बेस्ड है. कोलार गोल्ड फील्ड्स (Kolar Gold Fields) 3.2 किलोमीटर गहरी है. हालांकि, इसको साल 2011 में बंद कर दिया गया है. 

दुनिया की मशहूर खान

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दुनिया की मशहूर खान

कोलार जिले के रॉबर्ट्सनपेट तहसील में स्थिति यह सोने की खदान दुनिया में काफी मशहूर रही है. जिला मुख्यालय से इसकी दूरी करीब 30 किलोमीटर है. इसकी शुरुआत 17-18वीं शताब्दी के बीच हुई. उसके बाद 121 सालों में यहां से 900 टन सोना निकाला जा चुका है. 

1875 में खुदाई शुरू

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1875 में खुदाई शुरू

ब्रिटेन के एक सैनिक माइकल फिट्ज़गेराल्ड लेवेली साल 1871 में भारत आए. लेवेली को जब कोलार की खान का पता चला तो उन्होंने काफी रिसर्च किया. इसके बाद साल 1873 में तत्कालीन महाराजा से 20 साल के लिए खुदाई का लाइसेंस भी मिल गया. साल 1875 में पहली बार खुदाई शुरू हुई.

भारत गोल्ड माइन्स को मिला KGF

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भारत गोल्ड माइन्स को मिला KGF

कोलार की खान से इतना सोना निकल रहा था कि साल 1905 में भारत सोने की खुदाई में दुनियाभर में छठें स्थान पर पहुंच गया था. भारत जब आजाद हुआ तो सरकार ने कोलार की खान को अपने कब्जे में ले लिया. भारत सरकार ने साल 1970 में भारत गोल्ड माइन्स को KGF सौंप दिया था. 

अंग्रेजों ने बनाए घर

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अंग्रेजों ने बनाए घर

कहा जाता है कि कोलार की जमीन में इतना सोना था कि जब वहां के लोग मिट्टी को धोते थे तो सोने के कण दिखाई देने लगते थे. भारी मात्रा में सोना निकलने के चलते अंग्रेजों को यह जगह इतनी पसंद आई कि वहां उन्होंने घर बनाने शुरू कर दिए. 

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