Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य बहुत विद्वान और चतुर थे. उनका नीतियों की एक ग्रंथ है जिसका नाम चाणक्य नीति है. चाणक्य नीति में कुछ लोगों के बारे में बताया गया है जिन लोगों से अपना दुख बिल्कुल भी नहीं बांटना चाहिए. इन लोगों से दुख का जिक्र करने से आपको भविष्य में पछतावा हो सकता है. ये लोग आपके दर्द का मजाक बना सकते हैं और आपका दुख-दर्द और बढ़ा सकते हैं. आइए जानते हैं इन लोगों के बारे में.
चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग हर बात का मजाक बनाते हैं और किसी भी बात को या किसी भी व्यक्ति को गंभीरता से नहीं लेते उनसे कभी भी अपना दुख नहीं बांटना चाहिए. ऐसे में आपको अपने दुख का मजाक बनता हुआ दिख सकता है. मजाक-मजाक में आपके दुख-दर्द को किसी और व्यक्ति से भी साझा कर सकते हैं.
चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग हर किसी को दोस्त बना लेते हैं और व्यक्ति की गलत और सही दोनों बातों में समर्थन करते हैं उनसे दूरी बनानी चाहिए. ऐसे लोगों से कभी भी अपने दुख का जिक्र नहीं करना चाहिए. कहावत भी है कि जो हर किसी का दोस्त होता है वो किसी का दोस्त नहीं होता है. ये लोग आपका विश्वासघात कर सकते हैं और आपके दुख या राज को किसी और से भी बता सकते हैं.
कई लोग ऐसे होते हैं जो आपकी तरक्की या फिर सफलता से बहुत जलते हैं. इसके अलावा इनसिक्योरिटी के कारण ये लोग चिढ़ने लगते हैं. चाणक्य नीति के अनुसार इन लोगों को अपना दुख नहीं बताना चाहिए. ये लोग दिखाएंगे की आपके प्रति सांतवना है लेकिन ये लोग अंदर से खुश हो सकते हैं.
कोई-कोई व्यक्ति ऐसा होता है जो बहुत बातुनी होते हैं और किसी से भी बिना कुछ समझे कुछ भी बोल देते हैं. चाणक्य नीति में ऐसे लोगों से दूर बनाने को कहा गया है. साथ में इन लोगों से अपना दुख का जिक्र भी नहीं करना चाहिए. ये लोग आपके दुख-दर्द को किसी को नेगेटिव तरीके से तोड़-मोड़ कर बता सकते हैं.
कई लोग ऐसे होते हैं जो बस अपने बारे में सोचते हैं, चाहे किसी का बुरा हो या भला. इन लोगों को किसी से भी फर्क नहीं पड़ता है. अगर किसी का नुकसान कर इनका भला होगा तो ये लोग वो काम भी कर सकते हैं. ऐसे में इस स्वभाव वाले लोगों से अपना दुख नहीं बांटना चाहिए. ये लोग आपके दुख-दर्द को कभी नहीं समझ पाएंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
ट्रेन्डिंग फोटोज़