इंडिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बचपन में वह पढ़ाई में काफी कमजोर थे और कई बार उनके माता-पिता को परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया था, '10वीं का रिजल्ट आने के बाद मुझे स्कूल से निकाल दिया गया था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी.' (फोटो सोर्स- एएनआई)
आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) की शुरुआती पढ़ाई बीकानेर के एक स्कूल से शुरू हुई थी. साल 1996 में उन्होंने सिर्फ 57 प्रतिशत नंबरों के साथ 10वीं पास की, लेकिन इतना कम नंबर आने के बाद स्कूल ने निकाल दिया और 11वीं में एडमिशन नहीं दिया. (फोटो सोर्स- अलीगढ़ पुलिस ट्विटर)
10वीं में कम नंबर आने के बाद आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) के पिता ने काफी मशक्कत के बाद केंद्रीय विद्यालय बीकानेर में एडमिशन करवाया. इसके बाद आकाश ने भी कड़ी मेहनत की और 12वीं में 85 प्रतिशत नंबर हासिल किया. इसके बाद उन्होंने 2001 में दुग्गल कॉलेज बीकानेर से बीकॉम और दिल्ली के जेएनयू से स्कूल ऑफ सोशल साइंस विषय से एमकॉम किया. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
जेएनयू में पढ़ाई के दौरान ही आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) ने यूपीएससी के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी और 2006 में पहले प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली. इस दौरान 2005 में उन्होंने जेएनयू से ही एम फिल भी किया. (फोटो सोर्स- अलीगढ़ पुलिस ट्विटर)
आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) ने इंटरव्यू में बताया था, 'ग्रेजुएशन के बाद मेरे सामने करियर के दो विकल्प थे. पहला यह कि मैं एमबीए करके कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरी करुं और दूसरा विकल्प यह था कि सिविल सर्विसेस की तैयारी करूं. मेरी मां चाहती थी कि मेरे बच्चे अधिकारी बनकर देश की सेवा करें, इसलिए मां की इच्छा का सम्मान करते हुए सिविल सेवाओं की परीक्षा देने का तय किया. मुझे पहले प्रयास में सफलता मिली तो छोटे भाई ने इसी राह को चुना, वह भी आज एक अधिकारी हैं.' (फोटो सोर्स- अलीगढ़ पुलिस ट्विटर)
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