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इस IPS को देखते ही कांपते हैं अपराधी, कभी कम नंबर आने पर स्कूल से निकाले गए; फिर ऐसे पास की UPSC परीक्षा

राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाले आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर हैं और उनके नाम से अपराधी खौफ खाते हैं. आईपीएस अफसर आकाश कुलहरि की कहानी काफी प्रेरणादायक है, क्योंकि कम नंबर आने के बाद उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत से यूपीएससी एग्जाम में भी सफलता हासिल कर ली. हाल में एस्पिरेंट (Aspirant) नाम की एक वेबसीरीज आई थी, जिसमें यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कर रहे तीन दोस्तों की कहानी दिखाई गई है. इस मौके पर हम आपको कुछ ऐसे ही लोगों की स्टोरी बता रहे हैं, जिन्होंने कई मुश्किलों का सामना कर यूपीएससी पास किया.

कम नंबर आने पर स्कूल ने निकाल दिया

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कम नंबर आने पर स्कूल ने निकाल दिया

इंडिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बचपन में वह पढ़ाई में काफी कमजोर थे और कई बार उनके माता-पिता को परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया था, '10वीं का रिजल्ट आने के बाद मुझे स्कूल से निकाल दिया गया था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी.' (फोटो सोर्स- एएनआई)

10वीं में आए थे 57 प्रतिशत नंबर

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10वीं में आए थे 57 प्रतिशत नंबर

आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) की शुरुआती पढ़ाई बीकानेर के एक स्कूल से शुरू हुई थी. साल 1996 में उन्होंने सिर्फ 57 प्रतिशत नंबरों के साथ 10वीं पास की, लेकिन इतना कम नंबर आने के बाद स्कूल ने निकाल दिया और 11वीं में एडमिशन नहीं दिया. (फोटो सोर्स- अलीगढ़ पुलिस ट्विटर)

12वीं में लाए 85 प्रतिशत नंबर

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12वीं में लाए 85 प्रतिशत नंबर

10वीं में कम नंबर आने के बाद आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) के पिता ने काफी मशक्कत के बाद केंद्रीय विद्यालय बीकानेर में एडमिशन करवाया. इसके बाद आकाश ने भी कड़ी मेहनत की और 12वीं में 85 प्रतिशत नंबर हासिल किया. इसके बाद उन्होंने 2001 में दुग्गल कॉलेज बीकानेर से बीकॉम और दिल्ली के जेएनयू से स्कूल ऑफ सोशल साइंस विषय से एमकॉम किया. (फोटो सोर्स- फेसबुक)

पहले प्रयास में मिली UPSC में सफलता

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पहले प्रयास में मिली UPSC में सफलता

जेएनयू में पढ़ाई के दौरान ही आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) ने यूपीएससी के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी और 2006 में पहले प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली. इस दौरान 2005 में उन्होंने जेएनयू से ही एम फिल भी किया. (फोटो सोर्स- अलीगढ़ पुलिस ट्विटर)

मां से मिली आईपीएस बनने की प्रेरणा

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मां से मिली आईपीएस बनने की प्रेरणा

आकाश कुलहरि (Akash Kulhari) ने इंटरव्यू में बताया था, 'ग्रेजुएशन के बाद मेरे सामने करियर के दो विकल्प थे. पहला यह कि मैं एमबीए करके कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरी करुं और दूसरा विकल्प यह था कि सिविल सर्विसेस की तैयारी करूं. मेरी मां चाहती थी कि मेरे बच्चे अधिकारी बनकर देश की सेवा करें, इसलिए मां की इच्छा का सम्मान करते हुए सिविल सेवाओं की परीक्षा देने का तय किया. मुझे पहले प्रयास में सफलता मिली तो छोटे भाई ने इसी राह को चुना, वह भी आज एक अधिकारी हैं.' (फोटो सोर्स- अलीगढ़ पुलिस ट्विटर)

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