बता दें कि छठ का व्रत करने वाली महिलाएं नदी में डुबकी लगाकर व्रत की शुरुआत करती हैं. यमुना नदी के जहरीले झाग में महिलाएं आस्था की डुबकी लगा रही हैं. जिस पानी में महिलाएं डुबकी लगा रही हैं उसी पानी से वो बीमार भी हो सकती हैं. (फोटो साभार- PTI)
गौरतलब है कि जहरीले झाग वाले इस पानी में नहाने से श्रद्धालु बीमार पड़ सकते हैं. रविवार को दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन और आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने जानकारी दी थी कि यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है. (फोटो साभार- PTI)
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा (Chhath Puja) की अनुमति नहीं दी है. लेकिन फिर भी लोग यमुना के किनारे छठ पूजा मना रहे हैं. (फोटो साभार- ANI)
आंकड़ों के अनुसार, 90 फीसदी बेकार पानी यमुना नदी में जाता है. 58 प्रतिशत कचरा यमुना नदी में ही जाता है. अनट्रीटेड सीवेज का पानी भी यमुना में मिलता है. सीवर के पानी में फॉस्फेट और एसिड होता है. फॉस्फेट और एसिड से जहरीला झाग बनता है. (फोटो साभार- ANI)
इस बीच यमुना के प्रदूषित पानी पर सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि पानी पर अमोनिया मिला जहर तैर रहा है. अरविंद केजरीवाल को यहां आना चाहिए था. हमारी मां-बहनें इसी पानी में डुबकी लगा रही हैं. क्या ये दिल्ली के लोगों के लिए इंसाफ है? कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और दिल्ली सरकार को बर्खास्त करना चाहिए. (फोटो साभार- ANI)
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