केंद्र सरकार ने Co-WIN नाम का एक ऐसा ऐप बनाया है, जो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखेगा, जिसे मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है. लोगों को वैक्सीन के लिए यहां रजिस्टर करना होगा.
कोविन ऐप (Co-WIN App) से टीकाकरण की प्रक्रिया, प्रशासनिक क्रियाकलापों, टीकाकरण कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करेगा, जिन्हें वैक्सीन लगाई जानी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सरकार तीन चरणों में टीका लगवाएगी. इनमें पहले चरण में सभी फ्रंटलाइन हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और दूसरे चरण में आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों को वैक्सीन का टीका लगेगा. राज्य सरकारें इन लोगों का डाटा इकट्ठा करने में लगी हैं. इसके बाद तीसरे चरण में उन लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, जो गंभीर बीमारियों के शिकार हैं.
इसके साथ ही सेल्फ रजिट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. सेल्फ रजिस्ट्रेशन Co-WIN ऐप के जरिए किया जाएगा.
कोविन ऐप में 5 मॉड्यूल हैं. पहला प्रशासनिक मॉड्यूल, दूसरा रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, तीसरा वैक्सीनेशन मॉड्यूल, चौथा लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और पांचवां रिपोर्ट मॉड्यूल. खबरों के मुताबिक एक व्यक्ति के टीकाकरण में 30 मिनट का समय लगेगा और हर सेशन में 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी.
प्रशासनिक मॉड्यूल उन लोगों के लिए है जो टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन करेंगे. इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके जरिए टीका लगवाने लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी मिल जाएगी. रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल उन लोगों के लिए होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे. वैक्सीनेशन मॉड्यूल उन लोगों की जानकारियां को वेरिफाई करेगा, जो टीका लगवाने के लिए अपना रजिट्रेशन करेंगे और इस बारे में स्टेटस अपडेट करेगा. लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण के लाभान्वित लोगों को मैसेज भेजे जाएंगे. साथ ही इससे क्यूआर कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-प्रमाणपत्र मिल जाएगा. वहीं रिपोर्ट मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी, जैसे टीकाकरण के कितने सेशन हुए, कितने लोगों को टीका लगा. कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के बावजूद टीका नहीं लगवाया.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश के हर एक व्यक्ति को टीका लगेगा, जो इसे लगवाना चाहते हैं. इसमें लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कार्यकर्ता, दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर और 27 करोड़ चुनिंदा उम्र वर्ग के लोग शामिल हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तय करेगी कि आगे के चरणों में क्या होगा. कोरोना वायरस की उपलब्धता के आधार पर ये सारी चीजें क्रमशः चलती रहेंगी.
सीरम इंस्टीट्यूट और भारत-बॉयोटेक ने भारत में वैक्सीन के इमरजेंसी यूज लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है. हालांकि इन दोनों से पहले फाइजर इंडिया ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास इमरजेंसी यूज के लिए अप्लाई किया था.
ट्रेन्डिंग फोटोज़