Kisan Andolan: सिंधु बॉर्डर पर किसान आंदोलन 2.0 का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सिंधु बॉर्डर समेत तमाम सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया है.
करीब 2 साल बाद पंजाब के किसान एक बार फिर आंदोलन करने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर आ गए हैं. सिंधु बॉर्डर पर किसान आंदोलन 2.0 का खतरा मंडरा रहा है. उन्हें रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सिंधु बॉर्डर समेत तमाम सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया है.
बॉर्डर सील की वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने वाले लोगों को 3 किलोमीटर दूर तक पैदल चलना पड़ रहा है. जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गो, महिलाओं और आम लोगों को हो रही है.
दिल्ली-हरियाणा सिंधु बॉर्डर पूरी तरह से सील होकर भेद किला बन चुकी है. इसकी सबसे ज्यादा मार आम लोगों पर पड़ रही है. किसान आंदोलनकारी अपने किसान आंदोलन के पुराने Epicentre रहे सिंधु बॉर्डर को फिर से आंदोलन का केंद्र बनाना चाहते हैं.
अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर फ्लाईओवर के सेफ्टी बैरियर को तोड़ उन्हें नीचे फेंक दिया है. जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े साथ ही पानी की बौछारें कीं.
किसानों ने आज यानी 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान कर रखा है. इसमें शामिल किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड पर कटीले तार, सीमेंट के बड़े बड़े पत्थर, पत्थरों की ROW में भरा हुआ गिट्टी मसाला, उसके पीछे खड़े हुए कंटेनर और कंटेनर के पीछे ठुकती हुई कील लगा दी है.
शंभू बॉर्डर पर किसानों की हिंसा शुरू करने के बाद सिंधु बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया और इस सीलिंग ने नौकरीपेशा और आम लोगों को जाम में फंसा दिया. हर तरफ सिर्फ गाड़िया ही गाड़िया हैं. जिन्हें अपने गंतव्य स्थान पर सुबह 10 बजे पहुंचना था, वो दोपहर 1 बजे भी सिंधु बॉर्डर पर ही फंसे थे और परेशान हो रहे थे.
हजारों की संख्या में किसान दिल्ली कूच करने दिल्ली पहुंच गए हैं. बता दें, मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से किसान 'दिल्ली चलो' मार्च में शामिल होंगे. बता दे, किसानों की मार्च से दिल्ली में घंटों लंबा जाम भी लग गया है.
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