लाल किला (Red Fort) में अंदर प्रकर्शनकारियों ने जमकर बवाल किया. प्रदर्शनकारियों ने CPWD के दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की. किसान आंदोलन (Farmers Protest) के इस परणति से हर कोई हैरान है.
दिल्ली के लाल किला के अंदर की तस्वीरें प्रदर्शन के नाम पर अराजकता की गवाही दे रही हैं. शांतिपूर्ण प्रदर्शन के सारे दावे झूठे साबित हुए.
उपद्रवियों ने लाल किला के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे भी नहीं छोड़े. सुरक्षा के लिए लगे तमाम सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए.
लाल किला के अंदर सामान जमीन पर बिखरा हुआ है और कांच के टुकड़े भी जमीन पर पड़े हुए दिख रहे हैं. प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कल किला के पोल पर चढ़कर अपना झंडा भी फहराया था.
हिंसा के बाद केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने लाल किला का दौरा किया. दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस कमिश्नर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
उपद्रवियों ने सीआईएसएफ की कार भी नहीं छोड़ी. कार को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त करने के बाद पलट दिया.
लाल किला पहुंचे प्रदर्शनकारी पूरी तरह बेकाबू थे. बाहर खड़ी बस के शीशे चकनाचूर कर दिए. इससे पहले दिल्ली में DTC की बस पलटने की कोशिश की.
पर्यटकों की एंट्री के लिए लगे स्कैनर तोड़ दिए. तस्वीरों में आप देख सकते हैं किस तरह सब कुछ तहस नहस कर दिया.
प्रदर्शनकारियों की शक्ल में पहुंचे उपद्रवियों की मंशा क्या थी? ये बड़ा सवाल है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन के नाम पर जो कुछ किया गया वो देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ ही नहीं बल्कि गणतंत्र दिवस जैसे दिन देश को अशांति की आग में धकेलने का बड़ा षणयंत्र प्रतीत होता है.
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