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ब्रिटेन में बेकाबू हो चुके Corona के नए रूप से भारतीयों को कितना डरना चाहिए?

कोरोना के नए स्ट्रेन से घबराने की जरूरत नहीं है. भारत में जिस तकनीक से वैक्सीन बनाई जा रही हैं वो कोरोना वायरस का असर जरूर कम करेगी.

वायरस शक्ल बदलते रहते हैं

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वायरस शक्ल बदलते रहते हैं

भारत बायोटेक और आईसीएमआर की वैक्सीन पर काम कर रहे डॉ पुनीत मिश्रा का कहना है कि वायरस शक्ल बदलते रहते हैं. अच्छी बात ये है कि ब्रिटेन में ये पकड़ में आ गया है. इससे सतर्कता बढ़ती है लेकिन हमें घबराने की जरूरत नहीं है. भारतीयों ने वायरस के खिलाफ काफी इम्युनिटी हासिल कर ली है. हम कोरोना वायरस को पहले से बेहतर समझ चुके हैं.

 

4 हजार बार हुआ कोरोना वायरस में म्यूटेशन

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4 हजार बार हुआ कोरोना वायरस में म्यूटेशन

ब्रिटेन के दिखे कोरोना के इस नए वेरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए दिल्ली एम्स में कोरोना सेंटर के हेड डॉ राजेश मल्होत्रा ने बताया कि जब से कोरोना वायरस आया है तब से 4 हजार बार म्यूटेट कर चुका है. हालांकि ये देखना होगा कि ब्रिटेन में बढ़ते हुए कोरोना के केसों का असल कारण क्या सच में वायरस की नई स्ट्रेन है या फिर कुछ और इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है.

घबराने की नहीं, ज्यादा एहतियात अपनाने की जरूरत

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घबराने की नहीं, ज्यादा एहतियात अपनाने की जरूरत

जहां तक ये सवाल है कि क्या अब वैक्सीन काम करेगी या नहीं, तो मुझे विश्वास है कि भारत में जिस तकनीक से वैक्सीन बनाई जा रही हैं वो कोरोना वायरस का असर जरूर कम करेगी. हो सकता है कि नई रिसर्च की जरूरत पड़े, लेकिन ये कहना अभी बहुत शुरुआती होगा.  ब्रिटेन की खबर से घबराने की जरूरत नहीं है. बस हमें थोड़ी और एहतियात की जरूरत और बढ़ गई है.

कोई भी वैक्सीन 100% असरदार नहीं

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कोई भी वैक्सीन 100% असरदार नहीं

फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल के निदेशक डॉ अशोक सेठ के मुताबिक, हम अपने सभी दिल, किडनी और दूसरी गंभीर बीमारी के मरीजों को हम फ्लू वैक्सीन लगाते हैं. कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत सुरक्षा नहीं देती. लेकिन अगर कोई वैक्सीन 70 से 80 प्रतिशत तक असरदार है तो हम उसे अच्छा मानते हैं. कोरोना की वैक्सीन भी इसी श्रेणी में आती है. बिल्कुल सुरक्षा ना होने से बेहतर है, कुछ सुरक्षा होना.

किसे नहीं लगेगी वैक्सीन की डोज

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किसे नहीं लगेगी वैक्सीन की डोज

गर्भवती महिलाएं और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. क्योंकि परीक्षण में ये वर्ग शामिल नहीं था. ऐसे में चांस है कि वैक्सीन इन लोगों को कम असर करे या न करे. ये भी हो सकता है कि इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिले. इसलिए सरकार ने परीक्षण के बाद ही इस वर्ग को वैक्सीन की डोज देनी की अनुमति देगी. आपको बता दें कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को नेगेटिव होने के कुछ दिन बाद ही वैक्सीन लगाई जाएगी. खांसी, जुकाम बुखार होने पर भी वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. पहले लक्षणों के खत्म होने का इंतजार किया जाएगा.

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