Delhi Police Super Laady Cop's: दिल्ली पुलिस ने राजधानी की कानून व्यवस्था को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए इस शहर को 15 जिलों में बांटा है. हर जिले की कमान जिला पुलिस उपायुक्त (Deputy Commissioner of Police IPS यानी DCP) के हवाले होती है. हर तीन जिलों की निगरानी के लिए एक रेंज बनाई गई है. पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (CP Rakesh Asthana) ने इसी साल महिला आईपीएस अधिकारियों पर ज्यादा भरोसा जताते हुए उन्हें 6 जिलों की कमान सौंपी है. इन जाबांज अधिकारियों से अपराधी थर-थर कांपते हैं. आइए मिलवाते हैं इन अधिकारियों से.
मूल रूप से केरल की रहने वाली आईपीएस बेनिता जयकर (IPS Benita Jaikar) ने डीयू (DU) से ग्रैजुएशन किया और यहीं पर पढ़ाई के दौरान 2010 में वह सिविल सर्विसेज की एग्जाम पास करके भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुनी गईं. उनकी आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान निर्भया केस हुआ. उस समय वही शुरू से लेकर आखिर तक अस्पताल में निर्भया के साथ रहीं. उसे सिंगापुर लेकर जाने और वापस लाने का जिम्मा भी बेनिता को ही दिया गया. बाद में वह कुछ महीने डीसीपी (लाइसेंसिंग) रहीं. फिर उनका तबादला लक्षद्वीप हुआ, जहां 3 साल वो एसपी रहीं. वापस कुछ महीने पुलिस हेडक्वॉर्टर (PHQ) में तैनात रहीं. अब जब वह फुल फ्लैज्ड डीसीपी के रूप में उसी साउथ डिस्ट्रिक्ट की कमान संभाल रही हैं जहां से उनकी शुरुआती ट्रेनिंग हुई थी.
2011 बैच की आईपीएस ऊषा रंगनानी को नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की डीसीपी हैं. इसी साल जनवरी में इन्हें डीसीपी की कमान सौंपी गई. नॉर्थ वेस्ट जिले में इससे पहले दो टर्म में महिला IPS ही रहीं, जिसमें 2009 बैच की आईपीएस विजयंता आर्या, उनसे पहले असलम खान थीं. आपको बताते चलें कि ऊषा रंगनानी मूल रूप से यूपी के आगरा की रहने वाली हैं. ऊषा रंगनानी आईपीएस बनने के बाद सबसे पहले एसीपी कालकाजी रहीं.उसके बाद वसंत विहार, ईओडब्ल्यू में तैनात रहीं. नॉर्थ वेस्ट जिले से पहले 2 महीने बतौर डीसीपी पीसीआर रहीं. नॉर्थ वेस्ट जिले में रहते हुए स्ट्रीट क्राइम को न सिर्फ कंट्रोल किया है. बल्कि उनकी कप्तानी में साइबर सेल की टीम बेहद मजबूत है.
श्वेता चौहान सेंट्रल दिल्ली की डीसीपी हैं. वे साल 2010 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं. उनका मानना है कि सेन्ट्रल दिल्ली बेहद संवेदनशील इलाका है. ऐसे में वहां की पूरी निगरानी रखना और अपराध को कंट्रोल करना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
2011 बैच की आईपीएस अधिकारी उर्विजा गोयल ने इसी साल फरवरी में वेस्ट दिल्ली के डीसीपी की कमान संभाली है. इससे पहले वह अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की डीसीपी भी रहीं. यही नहीं फरवरी 2019 से अक्टूबर 2020 तक इन्होंने ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी का चार्ज भी संभाला था.
ईशा पांडेय साउथ ईस्ट दिल्ली की डीसीपी हैं. 2010 बैच की IPS अधिकारी ईशा पांडे (Isha Pandey) पुलिस अधिकारी रहते हुए कई किताबें भी लिख चुकीं हैं. दिल्ली के अलावा लक्षद्वीप और अरुणाचल में तैनात रह चुकी ईशा, सेंट्रल और नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट की एडि. डीसीपी रह चुकी हैं. बतौर DCP वह दिल्ली पुलिस की स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट फॉर विमिन एंड चिल्ड्रंस और ट्रैफिक यूनिट में तैनात रही हैं.
दिल्ली के 15 जिलों में से 6 में कानून व्यवस्था की कमान महिला पुलिस उपायुक्त (DCP) के हाथ है. इस सिलसिले में नाम प्रियंका कश्यप का जो 2009 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. परिवार मूल रूप से पंजाब से ताल्लुक रखता है. प्रियंका की पढ़ाई चंडीगढ़ से हुई. शुरू से पढ़ाई में टॉप रहीं प्रियंका पहले इंजीनियर बनीं. सिविल सर्विसेज में आजमाया तो कामयाबी मिली. बैचमेट आईपीएस से शादी की. इनके पति एमएचए (MHA) में हैं. इनके दो बच्चे हैं. मैडम की पहली पोस्टिंग नगालैंड, फिर गोवा, मिजोरम, उसके बाद दिल्ली में हुई. जो फिलहाल पूर्वी दिल्ली जिले की डीसीपी के पद पर कानून व्यवस्था संभाले हुए हैं.
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