हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के नगरोटा के थंडा पानी गांव के रहने वाले मोइन खान (Moin Khan) के माता-पिता अशिक्षित हैं और मोइन अपने घर में ग्रेजुएशन पूरा करने वाले पहले इंसान हैं. वह बताते हैं कि उनके बड़े भाई को डाउन सिंड्रोम है और उनका इलाज चल रहा है. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
मोइन खान (Moin Khan) के पिता मोहम्मद शरीफ दूध बेचने का काम करते थे. इसके बाद उन्होंने गुजरात में एक ढाबा खोला, लेकिन साल 2009 में उनका एक्सीडेंट हो गया. इसके बाद परिवार की जिम्मेदारी मोइन के कंधों पर आ गई और परिवार की मदद के लिए मोइन छोटे-मोटे काम करने लगे. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
मोइन ने किसी तरह अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की, लेकिन इसके बाद उन्हें काम के साथ पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही थी. फिर उन्होंने साल 2012 में कॉरेस्पोंडेंस के जरिए कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. इस दौरान राशन की दुकान पर काम भी करते थे. ग्रेजुएशन के बाद वह पिज्जा हट में वेटर के तौर पर काम करने लगे. तीन सालों तक मोइन 2500 रुपए प्रतिमाह की तनख्वाह पर काम करते थे. वह शाम छह बजे से रात दो बजे तक वेटर का काम करते थे और इसके साथ ही बीबीए की पढ़ाई भी करते रहे. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
पिज्जा हट में नौकरी के बाद उन्हें लगा कि इससे पैसों की बिल्कुल भी बचत नहीं हो रही है. इसके बाद उन्होंने दोस्तों की मदद से नरवाल में कार धोने का बिजनेस शुरू किया और तीन साल तक वह यह काम करते रहे. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
साल 2016 में मोइन खान (Moin Khan) ने सब-इंस्पेक्टर की भर्ती का विज्ञापन देखा और उनके मन में पुलिस अफसर बनने का सपना जाग गया. उन्होंने इस पोस्ट के लिए अप्लाई कर दिया, लेकिन इसकी तैयारी कैसे करनी है इसकी जानकारी नहीं थी. उनके एक दोस्त ने उन्हें बताया कि एक आईपीएस ऑफिसर एक हॉल में उन छात्रों को कोचिंग देते हैं तो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
आईपीएस अफसर संदीप चौधरी (IPS Sandeep Chaudhary) जम्मू-कश्मीर के शोपियां के रहने वाले हैं और जम्मू में 'ऑपरेशन ड्रीम्स' चलाते हैं, जहां आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को पढ़ाते हैं. मोइन ने संदीप चौधरी की क्लास में एडमिशन लिया और कड़ी मेहनत से परीक्षा पास करने में सफलता हासिल की. दिसंबर 2018 में परीक्षा के नतीजे आए और मोइन का चयन सब-इंस्पेक्टर के लिए हो गया. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
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