मुलायम सिंह, यादव फैमिली के ऐसे विराट वटवृक्ष थे जिनकी छत्रछाया में इस कुनबे का सियासी सफर तेज रफ्तार से आगे बढ़ा. इस परिवार में जिसने भी राजनीति में अपनी दिलचस्पी दिखाई उसे पॉलिटिक्स में ब्रेक देने में उन्होंने जरा भी देर नहीं लगाई. मुलायम परिवार के 25 से ज्यादा लोग राजनीति में सक्रिय हैं. आइए हम जानते हैं कि मुलायम के परिवार में कौन-कौन है?
मुलायम सिंह यादव पांच भाई थे. जिनमें अभयराम यादव, रतन सिंह यादव, मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और राजपाल यादव का नाम शामिल रहा. भाइयों में अभय राम की राजनीति में दिलचस्पी नहीं रही.
मुलायम सिंह ने दो शादियां की. उनकी पहली पत्नी का नाम मालती देवी था, उनका निधन 2003 में हो गया था. मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी का नाम साधना गुप्ता था. जिनका निधन इसी साल जुलाई के महीने में हुआ था.
मुलायम सिंह के सियासी वारिस के तौर पर अखिलेश यादव सबसे आगे आए. अखिलेश ने साल 2000 में राजनीति में पहला कदम रखा और कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे. वो 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (SP) की जीत के बाद UP के CM बने. अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. उनके नाम यूपी के सबसे कम उम्र का सीएम होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है.
शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav), मुलायम सिंह के छोटे भाई है. समाजवादी पार्टी (SP) को मजबूत करने में उनकी बड़ी भूमिका रही है. जब तक मुलायम सिंह राजनीति में एक्टिव रहे शिवपाल के नाम का सिक्का चलता था. सपा समेत पूरे यूपी में उनकी तूती बोलती थी. ये बात अलग है कि अब भतीजे अखिलेश के साथ उनका मतभेद भी कई बार खुलकर सामने आ चुका है. दोनों के मतभेद अक्सर बयानों के रूप में सामने आते रहते हैं. आपको बताते चलें कि शिवपाल यादव अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) के अध्यक्ष हैं.
मुलायम सिंह के सियासी कुनबे में अगला नाम उनके भाई रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) का है. आपको बता दें कि रामगोपाल यादव, मुलायम सिंह के चाचा बच्ची लाल के बेटे यानी उनके चचेरे भाई हैं. रामगोपाल यादव फिलहाल समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के सांसद हैं जिनकी गिनती अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में होती है.
डिंपल यादव मुलायम सिंह की बड़ी बहू और अखिलेश यादव की पत्नी है. डिंपल कन्नौज से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं.
मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव पहली बार 2004 में मैनपुरी लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतकर सांसद बने. धर्मेंद्र, मुलायम के बड़े भाई अभय राम यादव के बेटे हैं. मैनपुरी की यह सीट मुलायम सिंह के यूपी का CM बनने के बाद खाली हुई थी. इसके बाद धर्मेंद्र बदायूं लोकसभा सीट से भी सांसद चुने गए लेकिन 2019 में वे हार गए. उन्हें हाल ही में हुए लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ सीट से लड़ाया गया लेकिन वो जीत नहीं सके.
अपर्णा बिष्ट यादव, मुलायम सिंह यादव की बहू है. साल 2011 में मुलायम के बेटे प्रतीक यादव से उनकी शादी हुई थी. उन्हें 2017 में समाजवादी पार्टी ने कैंट विधानसभा सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह हार गईं थी. उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने हराया था. अपर्णा अब बीजेपी में हैं. उनके पति प्रतीक यादव रियल स्टेट का बिजनेस करते हैं और सक्रिय राजनीति में नहीं हैं. छोटी बहू अपर्णा यादव ने एक बार बताया था कि घर में जितने भी बच्चे पैदा होते हैं उन सबका नाम नेताजी ही रखा करते थे.
मुलायम सिंह यादव की शख्सियत उनकी राजनीतिक विचारधारा के दायरे में कभी नहीं बंधी. तमाम विरोधाभासों के बाद लगभग हर राजनीतिक पार्टी में उनके मित्र रहे. आरजेडी (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) तो उनके समधी हैं. मुलायम सिंह यादव परिवार के लिए जितने मुलायम रहे कई बार उतने ही कठोर भी दिखे. मुलायम सिंह यादव अपनी दोनों बहुओं के चुनाव लड़ने के खिलाफ थे. गौरतलब है कि 2017 में मुलायम सिंह यादव के परिवार की कलह सामने आई थी.
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