यूनेस्को हर साल लगभग 25 धरोहर को विश्व विरासत की लिस्ट में शामिल करता है, ताकि उन धरोहरों का संरक्षण किया जा सके. इसी कड़ी में इस 105 साल पुराने लेकिन बेहद मजबूत स्टीम लोको 794B की ताकत का प्रदर्शन हेरिटेज रन के दौरान किया गया.
(फोटो: सेंट्रल रेलवे)
सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी एम सुतार (Shivaji M Sutar) ने बताया कि इस हैरिटेज रन (Haritage Run) में 3 डिब्बे (1 विस्टाडोम, 1 द्वितीय श्रेणी और 1 गार्ड वैन) लगाए गए थे.
नेरल में एक खास मुहिम के तहत मध्य रेलवे (Central Railway) ने हैरिटेज रन का आयोजन किया.
इस दौरान 105 साल पुराने इंजन के जरिए 2 किलोमीटर की हैरिटेज रन के जरिए पुरानी यादों को ताजा किया गया.
अपने दौर का ये शक्तिशाली इंजन 1917 में फिलाडेल्फिया स्थित अमेरिकी कंपनी बाल्डविन लोको वर्क्स ने बनाया था. लोको इंजन 794-बी साल 1990 के दशक तक दार्जिलिंग स्थित हिमालयन रेलवे पर सक्रिय सेवा में था जिसे बाद में डीजल से चलने वाले मॉडल में बदल दिया गया.
संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) के तौर पर मनाता है. दुनियाभर में कई ऐसी विश्व विरासत या धरोहरें हैं जो वक्त के साथ जर्जर होती जा रही हैं. इन विरासतों के स्वर्णिम इतिहास और इनके निर्माण को बचाए रखने के लिए विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है. यह दिन हर उस देश के लिए खास है जो अपनी संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों, यूनिक निर्माण शैली, इमारतों और स्मारकों की खूबसूरती को बरकरार रखना चाहता है और आने वाली हर पीढ़ी को इनके महत्व के बारे में बताना चाहता है. इसी पुरानी धरोहर की यादों को समेटने के लिए सेंट्रल रेलवे ने ये आयोजन किया.
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