दुनिया 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस (World Elephant Day 2021) के रूप में सेलिब्रेट करती है. यह दिन दुनियाभर में हाथियों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए समर्पित है. आज हम हाथियों से जुड़े 5 दिलचस्प तथ्य बता रहे हैं. जिनके बारे में आपको अब तक शायद ही मालूम होगा.
हाथी (Elephant) का बच्चा जन्म के 20 मिनट के भीतर ही अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है और 1 घंटे के अंदर ही चलने लगता है.वह 2 दिनों के बाद झुंड के साथ रहने लगता हैं. हाथियों के कम्युनिकेशन की बात करें तो वे खास तरीके से शरीर को हिलाकर, छूकर और गंध के जरिए संवाद करते हैं. कई बार वे जमीन पर वाइब्रेशन पैदा करके एक-दूसरे को संकेत देते हैं.
हाथियों (Elephant) को रोजाना 150 किलो तक के भोजन की जरूरत होती है. इसके साथ ही वे एक दिन में 80 गैलन तक पानी पी सकते हैं. वे अपने दिन का तीन-चौथाई हिस्सा खाने में बिता देते हैं. इनकी खाल का ज्यादातर हिस्सा 2.5 सेंटीमीटर मोटा होता है. जिससे वे अपने शरीर को ठंडा रखने की कोशिश करते हैं. वे धूल-मिट्टी में खुद को सानकर तेज धूप से खुद को बचाते हैं.
अफ्रीकन हाथी (Elephant) जमीन पर पाया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा स्तनपायी प्राणी है. इसके नर मादा की ऊंचाई 9 मीटर और वजन 6 टन तक होता है. नर हाथी 35-40 साल की उम्र में पूरी ऊंचाई तक पहुंचे हैं. इन हाथियों की औसत उम्र 60-70 साल होती है. हाथियों की सूंड की बात की जाए तो उसमें करीब 1 लाख 50 हजार मसल्स यूनिट होती हैं. ये सूंड एक तरीके से उनके हाथ का काम करती हैं. इसके जरिए वे मूंगफली तक छीलकर खा सकते हैं. वे इस सूंड का इस्तेमाल पानी पीने और तैरते समय सांस लेने के लिए भी करते हैं.
हाथी (Elephant) लेटकर और खड़े होकर दोनों तरह से सो सकते हैं. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि जंगल में अधिकतर हाथी खड़े-खड़े ही सोते हैं. इसकी वजह ये होती है कि जंगल में हाथियों को भी शेर-बाघ जैसे जानवरों से खतरा होता है. लेटकर सोने से वे आसानी से उनका मुकाबला नहीं कर सकते. ऐसे में किसी खतरे से निपटने के लिए वे रात भर खड़े-खड़े ही सोते हैं.
हाथियों (Elephant) की याद्दाश्त बहुत तेज होती है. इसका कारण ये होता है कि हाथियों का टेम्पोरल लोब (स्मृति से जुड़ा दिमाग का हिस्सा) इंसानों की तुलना में काफी बड़ा और सघन होता है. यही कारण है कि वे अपने साथ हुई कोई भी घटना नहीं भूलते. हाथी के बाहर निकले हुए दांत की बात की जाए तो ये पहली बार 2 साल की उम्र में दिखाई देते हैं. उम्र बढ़ने के साथ बाहर निकले इन दांतों की लंबाई भी बढ़ती जाती है. ये दो बड़े दांत पेड़ों की छाल उतारने, खुद की रक्षा करने या जड़ खोदने में काम आते हैं.
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