Pithoragarh Om Parvat: अनहोनी का संकेत! इंसानों से रूठ गए हैं भोलेनाथ.. 'ॐ पर्वत' से कैसे गायब हुआ ॐ?
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Pithoragarh Om Parvat: अनहोनी का संकेत! इंसानों से रूठ गए हैं भोलेनाथ.. 'ॐ पर्वत' से कैसे गायब हुआ ॐ?

Pithoragarh Om Parvat Uttarakhand: उत्तराखंड का एक पहाड़ जिसे साक्षात भोलेनाथ घर माना जाता है.. किसी अनहोनी का संकेत दे रहा है. हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित ओम पर्वत की.

Pithoragarh Om Parvat: अनहोनी का संकेत! इंसानों से रूठ गए हैं भोलेनाथ.. 'ॐ पर्वत' से कैसे गायब हुआ ॐ?

Pithoragarh Om Parvat Uttarakhand: उत्तराखंड का एक पहाड़ जिसे साक्षात भोलेनाथ घर माना जाता है.. किसी अनहोनी का संकेत दे रहा है. हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित ओम पर्वत की. ओम पर्वत.. नाम से ही स्पष्ट है कि यह भोलेनाथ से जुड़ा हुआ है. इसकी खासियत है इसपर बनने वाली ॐ की आकृति, जो अब गायब हो चुकी है. आइये जानने की कोशिश करते हैं ओम पर्वत से ॐ की आकृति कैसे गायब हो गई?

..तो नजारा कुछ और ही था

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में ओम पर्वत पर साक्षात ओम की आकृति बनती थी. देश दुनिया से तमाम लोग कुदरत के इस करिश्मे को देखने पहुंचते थे. लेकिन इस साल जब लोग इस ओम पर्वत को देखने पहुंचे, तो नजारा कुछ और ही था. वहां पर्वत तो था लेकिन उससे ओम की आकृति गायब थी. ऐसे में सवाल यह कि पर्वत से ओम की आकृति को मिटाने वाला कौन है?

ओम की आकृति किसी चमत्कार से कम नहीं

बता दें कि उत्तराखंड का ओम पर्वत 19 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस पहाड़ के बीचोबीच नजर आने वाली ओम की आकृति किसी चमत्कार से कम नहीं और इसी वजह से इसका नाम ओम पर्वत पड़ा. लेकिन अब सामने आ रहे वीडियो से पर्वत से ओम की आकृति गायब हो चुकी है. इसका सबसे बड़ा कारण है.. बर्फबारी का नहीं होना.

ओम पर्वत अब सिर्फ एक काला पहाड़

बर्फ की चादर से ढका रहने वाला ओम पर्वत अब सिर्फ एक काले पहाड़ जैसा नजर आता है. पहले इस पहाड़ पर साल भर बर्फ जमी रहती थी लेकिन इस बार अगस्त के महीने में ही बर्फ पूरी तरह से गायब हो चुकी है. जिसकी वजह से ओम की आकृति हट गई. जानकार इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. कुछ लोग मानवीय हस्तक्षेप को भी बड़ी वजह मान रहे हैं. 

कई तरह की धार्मिक और वैज्ञानिक बातें

कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर नाभि डांग के पास से ओम पर्वत के दर्शन होते थे. श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां पहुंचते थे. किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक दिन ओम पर्वत से ओम ही गायब हो जाएगा. ओम पर्वत भारतीय धर्म और संस्कृति में गहरी जड़ें रखता है. ओम पर्वत से ओम की आकृति के गायब होने को लेकर कई तरह की धार्मिक और वैज्ञानिक बातें हो रहीं हैं.

ओम ब्रह्मांड की मूल ध्वनि

हिंदू धर्म में ओम को ब्रह्मांड का मूल ध्वनि माना जाता है. कई लोग ओम की आकृति का गायब होना अशुभ संकेत मान रहे हैं. यह प्राकृतिक संतुलन में गड़बड़ी, आध्यात्मिक शक्ति में कमी या किसी बड़े परिवर्तन का संकेत माना जा रहा है. कई लोग मानते हैं कि ओम पर्वत पर ओम की आकृति का होना एक चमत्कार है और इसका गायब होना किसी दैवीय शक्ति के हस्तक्षेप का संकेत हो सकता है.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक

वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले पांच साल में ऊपरी हिमालयी क्षेत्र में कम बारिश और छिटपुट बर्फबारी, वाहनों के प्रदूषण में वृद्धि और वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण ओम पर्वत से ओम की आकृति गायब हुई. एक अधिकारी ने कहा कि यदि पहाड़ी लंबे समय तक बर्फ रहित रही तो इस क्षेत्र में पर्यटन प्रभावित हो सकता है. ओम पर्वत पर पहले वार्षिक बर्फ पिघलने की दर 95-99 प्रतिशत हुआ करती थी. लेकिन इस साल यह पूरी तरह पिघल गई.

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