वंदे भारत एक्सप्रेस की यात्रा आम जनता के लिए शुरू हो गई है. इस ट्रेन की अगले दो हफ्ते की सभी टिकट बुक हो चुकी हैं.
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नई दिल्ली: भारत की पहली हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस की सेवाएं रविवार को आम जनता के लिए शुरू हो गई। इससे एक दिन पहले वाराणसी से दिल्ली की यात्रा पर इस ट्रेन में दिक्कतें आई थी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ‘वंदे भारत एक्सप्रेस अपने पहले व्यावसायिक फेरे पर आज सुबह दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना हुई. अगले दो सप्ताह के लिए पहले ही टिकटें बिक चुकी हैं. यह ट्रेन आज आपकी हो गई.’ रेलवे ने कहा कि वाराणसी से लौटते समय यह ट्रेन टूंडला स्टेशन पार करने के बाद करीब 18 किमी दूर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के चम्रौला स्टेशन पर रुकी.
वंदे भारत ट्रेन में आई दिक्कत पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गत रात ट्वीट किया, ‘मोदी जी, मुझे लगता है कि मेक इन इंडिया पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की जरूरत है. ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह विफल हो गई. मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कांग्रेस बहुत गंभीरता से इस पर विचार कर रही है कि कैसे यह होगा.’
राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ‘यह शर्मनाक है कि आपने भारतीय इंजीनियरों, तकनीकविदों और श्रमिकों की कड़ी मेहनत और प्रतिभा पर हमला किया. इस तरह की मानसिकता को बदलने की जरूरत है. ‘मेक इन इंडिया’ सफल है और करोड़ों भारतीयों की जिंदगी का हिस्सा है. आपके परिवार के पास सोचने के लिए छह दशक थे, क्या वे पर्याप्त नहीं थे?’
ट्रेन में पहले दिन आई खराबी पर अधिकारियों ने कहा, ‘ट्रेन के बाहरी हिस्से पर शायद कुछ लग जाने के कारण आखिरी की चार बोगियों और शेष ट्रेन के बीच संपर्क की दिक्कत थी. इसके बाद ब्रेक लगाए गए. खामियों के लिए ट्रेन की जांच की गई और फिर वह दिल्ली रवाना हुई.’ ट्रेन 18 को हाल ही में नया नाम वंदे भारत एक्सप्रेस दिया गया. ट्रेन अपनी पहली वापसी यात्रा पर शुक्रवार की रात करीब साढ़े दस बजे वाराणसी जंक्शन से दिल्ली रवाना हुई थी. अपनी पहली यात्रा पर वाराणसी पहुंचने के करीब 45 मिनट बाद ही ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हो गई.
पहली बार ट्रेन में तड़के साढ़े छह बजे उत्तर प्रदेश में टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर दूर दिक्कत आई. उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, ‘‘यह मवेशी सामने आने का मामला है जिसकी वजह से पहिए फिसलने की दिक्कत आई.’ सूत्रों के अनुसार, ट्रेन एक घंटे से अधिक समय तक टूंडला के समीप फंसी रही. ट्रेन में कई पत्रकार सवार थे.
उन्होंने बताया कि ट्रेन के रुकने से पहले उसकी आखिरी की बोगियों ने तेज आवाज करनी शुरू कर दी. ट्रेन में एक सूत्र ने बताया, ‘‘आखिरी की चार बोगियों में थोड़ी बदबू आ रही थी. थोड़ा धुआं भी उठते देखा गया. लोको पायलटों ने कुछ समय के लिए ट्रेन की गति कम कर दी. मैंने अधिकारियों को ब्रेक में खामी के बारे में बात करते हुए सुना.’