भावी अफसरों को पीएम मोदी का संदेश, कहा- आपके फैसलों में राष्ट्रहित स्पष्ट दिखना चाहिए
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भावी अफसरों को पीएम मोदी का संदेश, कहा- आपके फैसलों में राष्ट्रहित स्पष्ट दिखना चाहिए

अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Modi) ने नर्मदा के तट पर सरदार पटेल की प्रतिमा को नमन करने के बाद केवड़िया (Kevadia) में वर्चुअल तरीके से प्रोबेशनरी सिविल सर्विस ऑफिसर्स (Civil Services Officers) को संबोधित किया.

भावी अफसरों को पीएम मोदी का संदेश, कहा- आपके फैसलों में राष्ट्रहित स्पष्ट दिखना चाहिए

गांधीनगर: अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Modi) ने नर्मदा के तट पर सरदार पटेल की प्रतिमा को नमन करने के बाद केवड़िया (Kevadia) में वर्चुअल तरीके से प्रोबेशनरी सिविल सर्विस ऑफिसर्स (Civil Services Officers) को संबोधित किया. पीएम ने अधिकारियों को कहा कि आपके फैसलों में राष्ट्रहित दिखना चाहिए. 

  1. संकल्प सिद्धि के लिए टीम बनकर काम करें: पीएम
  2. 'सरदार पटेल देश की सिविल सेवा के जनक थे'
  3. 'अफसरों की आधुनिक तरीके से ट्रेनिंग पर जोर'

संकल्प सिद्धि के लिए टीम बनकर काम करें: पीएम
पीएम ने कहा कि जब आप फैसले लेंगे तो उसका असर देह पर होगा. टीम भावना के साथ देश हित को जोड़ लेंगे, एक टीम बनकर काम करेंगे तो आप भी सफल होंगे और देश भी कभी विफल नहीं होगा. हमें विज्ञान और संसाधनों की जरूरत है. नए भारत को बनाने के लिए ट्रेनिंग की बहुत जरुरत होगी. बीते दो तीन वर्षों में सिविल सर्विस ट्रेनिंग का स्वरुप बदल गया है. 

'सरदार पटेल देश की सिविल सेवा के जनक थे'
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक प्रकार से सरदार पटेल ही देश की सिविल सेवा के जनक थे. 21 अप्रैल 1947 को प्रशासनिक अधिकारियों के पहले बैच को संबोधित करते हुए सरदार पटेल ने सिविल सेवा के अधिकारियों को देश का स्टील फ्रेम कहा था. स्टील फ्रेम का काम सिर्फ आधार देना, सिर्फ चली आ रही व्यवस्थाओं को संभालना ही नहीं होता. स्टील फ्रेम का काम देश को ये अहसास दिलाना भी होता है कि बड़े से बड़ा संकट हो या फिर बड़े से बड़ा बदलाव, आप एक ताकत बनकर देश को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे.

'अफसरों की आधुनिक तरीके से ट्रेनिंग पर जोर'
पीएम ने कहा कि पहले के समय ट्रेनिंग में आधुनिक अप्रोच कैसे आए, इस बारे में बहुत सोचा नहीं गया. लेकिन अब देश में ह्यूमन रिसोर्स की आधुनिक ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है. बीते 2-3 वर्षों में ही सिविल सर्वेन्ट्स की ट्रेनिंग का स्वरूप बहुत बदल गया है. सरकार ने कुछ दिन पहले एक और अभियान शुरू किया है- मिशन कर्मयोगी. मिशन कर्मयोगी, कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में अपनी तरह का एक नया प्रयोग है. एक सिविल सेवा अधिकारी के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप देश के सामान्य मानवी से निरंतर जुड़े रहें. जब आप लोगों से जुड़े रहेंगे तो लोकतंत्र में काम करना और आसान हो जाएगा. फील्ड में लोगों से कट-ऑफ कभी मत कीजिए.

'जनता जनार्दन ही असली ड्राइविंग फोर्स है'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'सरकार शीर्ष से नहीं चलती है. नीतियां जिस जनता के लिए हैं, उनका समावेश बहुत जरूरी है. जनता केवल सरकार की नीतियों की, प्रोग्राम्स की रिसीवर नहीं है, जनता जनार्दन ही असली ड्राइविंग फोर्स है. इसलिए हमें गवर्नमेंट से गवर्नेंस की तरफ बढ़ने की जरूरत है. अगले पचीस वर्षों में रक्षा सुरक्षा ,गरीब महिला कल्याण उचित स्थान भारत का विश्वपटल पर आपका दायित्व है, बहुत लोग हम में से नहीं रहेंगे पर आप रहेंगे आपके संकल्पों से सिद्धि रहेगी.'

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'सोने से पहले खुद को आधा घंटा दीजिए'
आपसे मेरा आग्रह है कि आज की रात सोने से पहले खुद को आधा घंटा दीजिए. अपने कर्तव्य, दायित्व, प्रण के बारे में जो आप सोच रहे हैं, उन्हें लिखकर रख लीजिएगा. ये कागज का टुकड़ा जीवन भर आपके संकल्पों को साकार करने के लिए आपके हृदय की धड़कन बनकर आपके साथ रहेगा. जैसे कोरोना का प्रभाव कम हो तो आप सब एक भव्य कैम्प सरदार पटेल की प्रतिमा के नीचे लगाइये और राष्ट्रीय एकता में किए गए उनके कार्यों को अनुभव कीजिए. 

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