राहुल गांधी अहमदाबाद जिले में साणंद शहर के समीप व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान दलित शक्ति केंद्र (डीएसके) में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. वहां उन्होंने 125 फुट लंबा और 83.3 चौड़ा तथा 240 किलोग्राम वजन का तिरंगा भेंट स्वीकार किया
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साणंद: दलितों के हाथों बने एक विशाल तिरंगे को जगह की कमी का हवाला देकर कथित रुप से स्वीकार नहीं करने पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की आलोचना करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनके पास रखने के लिए यदि थोड़ी भी जगह हो तो वह 50000 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय ध्वज ले लेंगे. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रुपाणी के दिल में दलितों, किसानों और गरीबों के लिए नहीं बल्कि केवल कुछ उद्योगपतियों के लिए जगह है.
राहुल गांधी अहमदाबाद जिले में साणंद शहर के समीप व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान दलित शक्ति केंद्र (डीएसके) में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. वहां उन्होंने 125 फुट लंबा और 83.3 चौड़ा तथा 240 किलोग्राम वजन का तिरंगा भेंट स्वीकार किया. यह राष्ट्रीय ध्वज पहले रुपाणी को प्रस्तुत किया जाना था. अगस्त में डीएसके उसे लेकर गांधीनगर गया भी था. लेकिन कलेक्टरेट के अधिकारियों ने जगह की कमी का हवाला देकर कथित रुप से लेने से उसे लेने से मना कर दिया.
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह झंडा केवल आपका नहीं है बल्कि पूरे देश का है. उन्होंने कहा कि रूपानी के पास इस झंडे को रखने की जगह नहीं है. यदि आप 15 किलोमीटर या 50000 किलोमीटर लंबा झंडा देते हैं और हमारे पास यदि एक इंच भी जगह होगी तो भी हम उसे लेते. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपकी भांति मेरे दिल भी इस झंडे के लिए विशाल जगह है. यह भाजपा मुख्यमंत्रियों या प्रधानमंत्री की मानसिकता है कि उनके पास इस झंडे या आपके कठिन परिश्रम के लिए जगह नहीं है. लेकिन उनके पास पूरा गुजरात महज 5-10 उद्योगपतियों के लिए है जो गुजरात या देश में जितना चाहे, जगह पा सकते हैं.’’