कोरोना से जूझ रही एक मां की पीएम नरेंद्र मोदी ने की तारीफ, पत्र लिखकर दी शाबाशी
Advertisement
trendingNow1922039

कोरोना से जूझ रही एक मां की पीएम नरेंद्र मोदी ने की तारीफ, पत्र लिखकर दी शाबाशी

प्रधानमंत्री ने अपने खत में परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है. इस परिवार में गगन उनकी पत्नी पूजा और 6 साल का बेटा अक्ष रहता है. 

फाइल फोटो

गाजियाबाद (यूपी): गाजियाबाद के वसुन्धरा में रहने वाले गगन के परिवार के लिए आज का दिन बेहद खुशी का है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस परिवार को एक चिट्ठी लिख कर अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है. आप के मन मे ये सवाल जरूर होगा कि 140 करोड़ वाली आबादी वाले देश मे प्रधानमंत्री मोदी ने इस परिवार को क्यों चिट्ठी लिखी?

खत आने की वजह है खास

प्रधानमंत्री के खत आने के बाद गगन और उसका परिवार फूला नही समा रहा है. खत लिखने की वजह है गगन की पत्नी पूजा वर्मा. और पूजा वर्मा की लिखी हुई एक मार्मिक कविता जिसे पढ़ने के बाद प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए. प्रधानमंत्री मोदी को पूजा की कविता काफी पसंद आई. इसलिये सबसे पहले पीएमओ से इस परिवार को फोन आया, फिर प्रधानमंत्री मंत्री की चिट्ठी. 

पति-पत्नी दोनों इंजीनियर हैं

प्रधानमंत्री ने अपने खत में परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है. इस परिवार में गगन उनकी पत्नी पूजा और 6 साल का बेटा अक्ष रहता है. दोनों पति पत्नी पेशे से इंजीनियर हैं. जब पूरे देश मे कोरोना की दूसरी लहर थी, उस वक्त पूजा का परिवार भी कोरोना के चपेट आ गया. एकल परिवार होने के चलते दोनों लोग होम आइसोलेशन में चले गए. इस बीच अपने 6 साल के बेटे को भी संक्रमण से बचाना था. बेटे के लिए गगन ने बाहर होटल से खाना आर्डर कर दिया. इस बीच 6 साल अक्ष अपना पूरा काम खुद करता था. एक माँ सब कुछ देखते रह जाती थी लेकिन बच्चे की मदद तक नही कर पा रही थी, बेबस थी. 6 साल का अक्ष बार बार दिन गिनता, घर में रहती मां से वीडियो कॉल करता था. किसी ना किसी बहाने से मां को बुलाता था. काफी दरवाजे से झांकता, तो कभी बालकनी से अपनी मां को निहारता रहता था. इसी बेबसी को एक माँ ने कविता की शक्ल दी, फिर उसे पोस्ट किया.

कविता को पढ़कर भावुक हुए प्रधानमंत्री

इस कविता को पढ़ कर प्रधानमंत्री भावुक हो गए. एक मां के मर्म को समझा और फिर पूजा और गगन को प्रोत्साहित किया. 6 साल का अक्ष भी पीएम मोदी से मिलना चाहता है. वो पीएम मोदी से कह रहा है कि मोदी जी स्कूल खोल दीजिए, मुझे खेलना है.

 

पढे़ं कविता: कोविड में मां की मजबूरी

 

जाली के पीछे से मेरा लाल झांक रहा है, 

मासूम आंखों से मजबूर मां को ताक रहा है, 

कभी कहता है मैं, मम्मी, मम्मा नाराज हो क्या? 

न जाने कितने जतन किये मां को पास बुलाने के

आंखों में आंसू लेकर कहता आज तो मेरे पास सोओगी न? 

नींद नहीं आती मुझे, आपके साथ के बिना

चाहे तो मुझे बस सुला के चली जाना मां, मम्मी, मम्मा.

जाली के पीछे से मेरा लाल झांक रहा है

ये कैसी मजबूरी है, ये कैसी दूरी है? 

पास होकर भी मां बेटे में दो गज की दूरी है, 

ये कैसी महामारी, ये कैसी आपदा आई है जग में

मां की ममता, पिता का प्यार आज है लाचार

मां का दिल रह रह कर गले लगना चाहे लाल तुझे

एक पल जिसे ओझल न होने दिया अपनी आंखों से, 

जाली से पीछे से मेरा लाल झांक रहा है

क्या क्या बहाने मे बनाता मां को पास बुलाने के

कभी कहता नहला दो, कभी कहता प्यारी मम्मी

कपड़े कुछ गीले हो गए हैं, बदल दो न

अच्छा ये तो बताओ, कल तो मेरे पास सोओगी न? 

नहीं बेटा, अबी तो चौदह दिन की और बात है

फिर कहता, चौगह मतलब कितने? 

वन, टू, थ्री और आज कौन सा दिन है? 

ये सब सुनकर जार जार रोता मां का मजबूर दिल है

क्यों जाली के पीछे से मेरा लाल झांक रहा है

क्यों ये बीमारी है आई, क्यों ये दूरी बनाई

दूर रहकर भी अपने लाल को सीने से लगाया मां ने

ढेरो आशीष देकर बलाओं से बचाया मां ने... 

ढेरो आशीष देकर बलाओं से बताया मां ने... 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news