आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत मिलने वाला फ्री राशन की अवधि को सरकार ने बढ़ा दिया है.
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नई दिल्ली: कोरोना काल (Coronavirus) में केंद्र सरकार ने करोड़ों प्रवासी मजदूरों को तोहफा दिया है. सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज (Aatm Nirbhar Bharat Package) के तहत मिलने वाले मुफ्त अनाज की सीमा को एक महीने तक बढ़ा दिया है. मंत्री राम विलास पासवान ने ट्वीट के जरिए ये जानकारी साझा की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन में फंसे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों और अन्य जरूरतमंदों के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत मई और जून में 5 किलो अनाज प्रति व्यक्ति मुफ्त देने की घोषणा की थी. इसका वितरण पूरा करने के लिए कैबिनेट ने 31अगस्त तक समय बढ़ा दिया है.
प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने लॉकडाउन में फंसे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों और अन्य जरूरतमंदों के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत मई, जून में 5 किलो अनाज प्रति व्यक्ति मुफ्त देने की घोषणा की थी। इसका वितरण पूरा करने के लिए कैबिनेट ने 31अगस्त तक समय बढ़ा दिया है। #CabinetDecisions
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) July 9, 2020
गौरतलब है कि कोरोना काल में अर्थव्यव्स्था को रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत करीब 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत देने की घोषणा की थी. जिसके मुताबिक सभी प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड के बिना भी मई-जून महीने के लिए निशुल्क अनाज उपलब्ध कराने की बात कही गई थी. केंद्र सरकार ने तय किया कि घर लौटे सभी प्रवासी मजदूरों के लिए 5 किलो प्रति व्यक्ति चावल/गेहूं और 1 किलो चना मुफ्त दिया जाएगा.
बताते चलें कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम संबोधन में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था. ये पैकेज देश की कुल GDP का लगभग 10% है. पीएम मोदी ने कोरोना संकट के चलते सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार को गति देने के लिए मई महीने में इसकी घोषण की थी.
इस दौरान पीएम ने अपने संबोधन में कहा था कि ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए परिश्रम कर रहा है. ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है. आत्मनिर्भरता,आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है. आत्मनिर्भरता, ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है.
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