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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (Production Linked Incentives Scheme) को लेकर आयोजित वेबिनार को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमने मेक इन इंडिया को अलग-अलग स्तरों पर मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. हमारे सामने दुनियाभर से उदाहरण हैं, जहां देशों ने अपनी मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाकर, देश के विकास को गति दी है.
वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'भारत में आज जो विमान कोरोना वायरस वैक्सीन (Corona Vaccine) की लाखों डोज लेकर दुनियाभर में जा रहे हैं, वो खाली नहीं आ रहे हैं. वो अपने साथ भारत के प्रति भरोसा, भारत के प्रति आत्मीयता, स्नेह, आशीर्वाद और एक भावात्मक लगाव लेकर आ रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'इतनी बड़ी तादाद में हिंदुस्तान के सभी कोनों से आप सबका इस महत्वपूर्ण वेबिनार में सम्मिलित होना, अपने आप में इसका महत्व दर्शाता है.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत आज जिस नम्रता और कर्त्तव्यभाव से मानवता की सेवा कर रहा है, इससे पूरी दुनिया में भारत अपने आप में एक बहुत बड़ा ब्रांड बन गया है. भारत की साख और पहचान निरंतर नई ऊंचाई पर पहुंच रही है. स्वास्थ्य संकट के इन समय में दुनिया की सेवा करके भारत एक वैश्विक ब्रांड बन गया है. यह ट्रस्ट फार्मा सेक्टर तक सीमित नहीं है, लेकिन हर सेक्टर को इससे फायदा होगा. उन्होंने आगे कहा, 'आज भारत एक ब्रांड बन चुका है. अब आपको सिर्फ अपने प्रोडक्ट की पहचान बनानी है. अब आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी है. अगर मेहनत करनी है तो प्रोडक्शन क्वालिटी पर करनी है.'
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पीएम मोदी ने कहा, 'देश का बजट और देश के लिए पॉलिसी मेकिंग सिर्फ सरकारी प्रक्रिया न रहे, देश के विकास से जुड़े हर स्टेक होल्डर्स का इसमें इफेक्टिव एंगेजमेंट हो. इसी क्रम में आज मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर, मेक इन इंडिया को ऊर्जा देने वाले आप सभी महत्वपूर्ण साथियों से चर्चा हो रही है.' उन्होंने आगे कहा, 'निर्माण की बढ़ती क्षमताएं देश में रोजगार के निर्माण को बढ़ाती हैं, भारत इसी अप्रोच के साथ तेजी से काम करना चाहता है. इस सेक्टर में हमारी सरकार निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक के बाद एक सुधार कर रही है.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारी सरकार मानती है कि हर चीज में सरकार का दखल समाधान के बजाय समस्याएं ज्यादा पैदा करता है. इसलिए हम सेल्फ रेगुलेशन पर जोर दे रहे हैं. इस वर्ष हमारा इरादा केंद्र और राज्य स्तर के 6,000 से ज्यादा अनुपालन (Compliances) को कम करने का है.' उन्होंने आगे कहा, 'इस वर्ष के बजट में PLI स्कीम से जुड़ी योजनाओं के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उत्पादन का औसतन 5% इंसेंटिव के रूप में दिया गया है. सिर्फ पीएलआई स्कीम के द्वारा ही आने वाले पांच सालों में लगभग 520 बिलियन डॉलर का उत्पादन भारत में होने का अनुमान है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे उत्पादन लागत, गुणवत्ता और उत्पादों की दक्षता को वैश्विक बाजार में एक छाप छोड़नी चाहिए और हमें इसे संभव बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. हमारे उत्पादों को उपयोगकर्ता के अनुकूल, सबसे आधुनिक, सस्ती और टिकाऊ होना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा, 'ये PLI जिस सेक्टर के लिए है, उसको तो लाभ हो ही रहा है, इससे उस सेक्टर से जुड़े पूरे इकोसिस्टम को फायदा होगा. ऑटो और फार्मा में PLI से, ऑटो पार्ट, चिकित्सा उपकरण और दवाओं के रॉ मटीरियल से जुड़ी विदेशी निर्भरता बहुत कम होगी.'