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बीजिंग: लद्दाख में सैनिकों की वापसी के बीच चीन (China) ने अपने रक्षा बजट (Defence Budget) में इजाफा कर दिया है. चीन ने अपना रक्षा बजट बढ़ाकर 209 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया है, जो पिछले साल की तुलना में 6.8 फीसदी ज्यादा है. ड्रैगन के इस कदम से यह साफ हो गया है कि कोरोना महामारी के दौर में भी उसके लिए अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना ज्यादा महत्वपूर्ण है. वैसे, तो चीन लगभग हर बार अपने रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी करता आया है, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए इस बार इसकी उम्मीद कम थी.
चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग (Li Keqiang) ने देश की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) में शुक्रवार को बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि रक्षा बजट को बढ़ाकर 209 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया गया है. वहीं, NPC के प्रवक्ता झांग युसुई (Zhang Yesui) ने बजट में इजाफे का बचाव करते हुए कहा कि हमारा प्रयास केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है और किसी भी देश को इसे खतरे के रूप में नहीं देखना चाहिए.
बजट की जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने आगे कहा कि कोई देश दूसरों के लिए खतरा पैदा करता है या नहीं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस तरह की रक्षा नीति अपनाता है. जहां तक चीन का सवाल है, हम शांतिपूर्ण विकास के मार्ग के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसी रक्षा नीति को अपनाते हैं, जो रक्षात्मक प्रकृति की है. बता दें कि चीन के पास 20 लाख सैनिकों का दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य बल है और वह लगातार इसमें इजाफा करता जा रहा है.
पिछले साल जब चीन ने रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी की थी, तो बजट में पारदर्शिता के अभाव के आरोप लगे थे. जिसके जवाब में झांग ने कहा था कि चीन का कोई छिपा हुआ सैन्य खर्च नहीं है. चीन 2007 से हर साल संयुक्त राष्ट्र (United Nations) को अपने सैन्य खर्चों की रिपोर्ट देता रहा है. उन्होंने कहा था कि पैसे कहां से आते हैं, उन्हें कहां खर्च किया जाता है, इन सभी बातों का हमारे पास लेखाजोखा है.