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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज (मंगलवार) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए त्रिपुरा में भारत और बांग्लादेश के बीच बने 'मैत्री सेतु' पुल का उद्घाटन (PM Modi inaugurates Maitre Setu) किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिपुरा (Tripura) में कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच इस सेतु से रिश्ते मजबूत हुए हैं.
पीएम मोदी ने कहा, 'अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान मैंने और प्रधानमंत्री शेख हसीना जी ने मिलकर त्रिपुरा को बांग्लादेश से सीधे जोड़ने वाले ब्रिज का शिलान्यास किया था और आज इसका लोकार्पण किया गया है. इस पुल से हमारी दोस्ती मजबूत हुई है, जो दोनों देशों में आर्थिक गतिविधियों को भी मजबूत करेगा.' उन्होंने आगे कहा, 'न केवल भारत में, बल्कि यह सेतु बांग्लादेश में कनेक्टिविटी में सुधार करेगा. यह दोनों देशों के लोगों के बीच संचार में भी सुधार करेगा.'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'त्रिपुरा की कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर में बीते 3 साल में तेजी से सुधार हुआ है. एयरपोर्ट का काम हो, या समंदर के रास्ते त्रिपुरा को इंटरनेट से जोड़ने का काम हो, या रेल लिंक, इनमें तेजी से काम हो रहा है.' उन्होंने आगे कहा, 'मैत्री सेतु के अलावा दूसरी सुविधाएं जब बन जाएंगी तो नॉर्थ ईस्ट के लिए किसी भी तरह की सप्लाई के लिए हमें सिर्फ सड़क मार्ग पर निर्भर नहीं रहना होगा. अब जल मार्ग द्वारा एक वैकल्पिक मार्ग मिले, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.'
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आज से तीन वर्ष से पहले आप लोगों ने एक नया इतिहास रचा था और पूरे देश को मजबूत संदेश दिया था. दशकों से राज्य के विकास को रोकने वाली नकारात्मक शक्तियों को हटाकर त्रिपुरा के लोगों ने एक नई शुरुआत की थी.' उन्होंने आगे कहा, '2017 में आपने त्रिपुरा में विकास का डबल इंजन लगाने का फैसला किया. इस डबल इंजन के फैसले के कारण जो परिणाम निकले, वो आज आपके सामने है. आज त्रिपुरा पुरानी सरकार के 30 साल और डबल इंजन की 3 साल की सरकार में आए बदलाव को स्पष्ट अनुभव कर रहा है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'जिस त्रिपुरा को हड़ताल कल्चर ने बरसों पीछे कर दिया था, आज वो Ease of Doing Business के लिए काम कर रहा है. जहां कभी उद्योगों में ताले लगने की नौबत आ गई थी, वहां अब नए उद्योगों, नए निवेश के लिए जगह बन रही है.' उन्होंने आगे कहा, 'बीते 6 साल में त्रिपुरा को केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि में बड़ी वृद्धि की गई है. साल 2009 से 2014 के बीच केंद्र सरकार से त्रिपुरा को केंद्रीय विकास परियोजनाओं के लिए 3500 करोड़ रुपए की मदद मिली थी. जबकि साल 2014 से 19 के बीच 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई है.'
त्रिपुरा के लिए 80 हजार से अधिक नए घरों को मंजूरी दी गई है. यह उन छह राज्यों में से एक है, जहां नई तकनीक से मकान बनाए जा रहे हैं. पिछले तीन सालों में, त्रिपुरा में कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हुआ है.' उन्होंने आगे कहा, '2017 से पहले त्रिपुरा के 5.80 लाख घरों में गैस कनेक्शन था. आज राज्य के 8.50 लाख घरों में गैस कनेक्शन है. डबल इंजन की सरकार बनने से पहले त्रिपुरा में सिर्फ 50% गांव खुले में शौच से मुक्त थे. आज त्रिपुरा का करीब-करीब हर गांव खुले में शौच से मुक्त है.'
फेनी नदी (Feni River) पर बना 1.9 किलोमीटर लंबा 'मैत्री सेतु' पुल भारत में सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ (Sabroom to Ramgarh) से जोड़ता है. इस पुल के उद्घाटन के बाद त्रिपुरा से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह (Chittagong Port) जाना आसान हो गया, जो सबरूम से सिर्फ 80 किलोमीटर दूर है. पीएमओ के अनुसार, इस पुल का निर्माण 133 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड द्वारा किया गया है.