किसान आंदोलन (Farmers Protest) में ट्रैक्टर मार्च (Tractor March) के नाम पर लोकतंत्र से जुड़े महापर्व पर जो कुछ हुआ उससे पूरा देश शर्मसार है. कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे किसान नेताओं की जिद के आगे राजधानी में कानून कल दंगाइयों के आगे बेबस नजर आया.
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नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) में ट्रैक्टर मार्च (Tractor March) के नाम पर लोकतंत्र से जुड़े महापर्व पर जो कुछ हुआ उससे पूरा देश शर्मसार है. कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे किसान नेताओं की जिद के आगे राजधानी में कानून कल दंगाइयों के आगे बेबस नजर आया. तिरंगा हाथ में लेकर 'ट्रैक्टर टेरर' फैला रहे दंगाइयों की करतूत पर दिल्ली पुलिस एक्शन ले रही है. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) मामले पर नजर बनाए हुए हैं. लोकतंत्र को शर्मसार करने वाले इस वाकये पर सियासत जारी है.
नए कृषि कानूनों (Farm Law) को लेकर विपक्ष केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार पर हमलावर है. किसानों की आड़ में राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं. ऐसा लगता है मानो दंगाइयों की करतूत को जायज ठहराने की कोशिश हो रही हो. 26 जनवरी को सामने आए घटनाक्रम को लेकर विपक्ष के नेताओं को बैठे बिठाए सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया है. इस बीच कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने ट्वीट कर सरकार को घेरने की.
रणदीप सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने अपने ट्वीट में लिखा, 'महात्मा विदुर जैसे मंत्री, कृपाचार्य जैसे राजगुरू, द्रोणाचार्य जैसे महारथी और भीष्म जैसे मार्गदर्शक होते हुए भी हस्तिनापुर का सर्वनाश कैसे हो गया?
क्योंकि दुर्योधन के 'अहंकार' के सामने सब मौन रहे, और इस मौन की 'कीमत' सबको चुकानी पड़ी थी.! सोचा, याद दिला दूं.
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महात्मा विदूर जैसे मंत्री, कृपाचार्य जैसे राजगुरू, द्रोणाचार्य जैसे महारथी और भीष्म जैसे "मार्गदर्शक" के रहते हुए भी... हस्तिनापुर का सर्वनाश कैसे हो गया.?
क्योंकि दुर्योधन के "अहंकार" के सामने सब मौन रहे, और इस मौन की "कीमत" सबको चुकानी पड़ी थी.!
सोचा, याद दिला दूँ !#Farmer
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 27, 2021
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कांग्रेस के एक और नेता उदित राज (Udit Raj) की बानगी भी देखिए, इतना खुश होकर बधाई दे रहे हैं मानो ट्रैक्टर परेड के जरिए कोई सुनहरा इतिहास रचा गया हो.
संयुक्त किसान मोर्चा की शांति पूर्वक ऐतिहासिक ट्रेक्टर परेड की सफलता के लिए बधाई। बदनाम करने की साज़िश का भंडाफोड़ हो। लाल किला पर झंडा फहराने वाला दीप सिद्ध बीजेपी के नेताओं के साथ देख सकते हैं।@INCIndia
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) January 27, 2021
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) जब दिल्ली की सड़कों पर हाल बेहाल हो रहा था तब पुलिस कहां गायब हो गई थी, रैली की शुरुआत के दौरान क्या निर्धारित रूट को लेकर निर्देश नहीं दे रहे थे.
When traffic mounts up on Delhi roads where does the police disappear? Should they not be directing traffic?
— Salman Khurshid (@salman7khurshid) January 27, 2021
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मुख्य मंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी सरकार को घेरने में जरा भी देर नहीं लगाई और लगे हाथों सरकार पर किसानों के अपमान करने का आरोप लगा डाला.
भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है. अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है.
भाजपा अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी मानते हुए कृषि-क़ानून तुरंत रद्द करे. #किसान pic.twitter.com/mXEYl6r2zZ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2021
इस बीच बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) ने कहा है कि विपक्ष के नेताओ ने जिस तरह की बयानबाजी की है देश की जनता उनको माफ़ नहीं करेगी. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा, 'लाल किले को अपवित्र किया, ये एक बहुत बड़ी साज़िश थी, इन पर देश द्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. जितनी बड़ी बड़ी बाते किसान नेता कर रहे थे उन्होंने उकसाने का काम किया, योगेंद्र यादव ने कहा की तंत्र गायब है और गन कहा है? इस तरह भड़काने का काम किया गया. रिपब्लिक डे पर भारत की ताकत दिखती है और इन्होंने देश की कमजोरी दिखा दी.'
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