Mughal Emperor: ये हैं मुगल काल की पावरफुल महिलाएं, राजाओं के बराबर था कद, मिलकर चलाती थीं शासन
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Mughal Emperor: ये हैं मुगल काल की पावरफुल महिलाएं, राजाओं के बराबर था कद, मिलकर चलाती थीं शासन

 Mughal Emperor: ऐसा नहीं है कि मुगल काल में महिलाएं सिर्फ हाशिए पर थीं. इस काल में भी कई ऐसी महिलाएं हुई हैं जो पुरुष राजा के बराबर ही चर्चा में रहीं थीं. इनकी गिनती आज भी पावरफुल महिलाओं में होती है. आइए आपको मिलवाते हैं कुछ ऐसी ही महिलाओं से.

नूरजहां कि गिनती सबसे ताकतवर महिलाओं में होती थी

Powerful Women in Mughal Emperor: मुगल शासकों का नाम सामने आते ही अक्सर हमारे दिमाग में क्रूरता और महिलाओं पर अत्याचार की बात ही सामने आती है. पर ऐसा नहीं है, सिक्के का दूसरा भी पहलू है. ऐसा नहीं है कि मुगल काल में महिलाएं सिर्फ हाशिए पर थीं. इस काल में भी कई ऐसी महिलाएं हुई हैं जो पुरुष राजा के बराबर ही चर्चा में रहीं थीं. इनकी गिनती आज भी पावरफुल महिलाओं में होती है. आइए आपको मिलवाते हैं कुछ ऐसी ही महिलाओं से.

1. नूरजहां

बात अगर मुगल साम्राज्य की शक्तिशाली महिलाओं की हो तो सबसे पहला नाम नूरजहां का ही सामने आता है. नूरजहां जहांगीर पत्नी थीं और कई रणनीतियों में अहम हिस्सा लेती थीं. वह एक खूबसूरत और बुद्धिमान महिला थीं. बताया जाता है कि एक बार नूरजहां ने एक निशाने में शेर को मार गिराया था. नूरजहां ने जहांगीर की शासन चलाने में काफी मदद की थी. उनका प्रभाव कितना था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस वक्त सिक्कों पर भी नूरजहां का नाम दर्ज था.

2. जहांआरा बेगम

जहांआरा बेगम शाहजहां और मुमताज महल की सबसे बड़ी बेटी थी. शहजादी जहांआरा की गिनती उस वक्त दुनिया की सबसे अमीर महिला में होती थी. यह जहांआरा का कद ही था कि उन्हें बादशाह बेगम बनाया गया. यह मुगल साम्राज्य का बड़ा पद था.

3. दिलरास बानो बेगम

इतिहासकार बताते हैं कि औरंगजेब ने 1637 में सफविद राजकुमारी दिलरस बानो से शादी की. दिलरस बानो को राबिया-उद-दौरानी के नाम से भी जाना गया. दिलरस बानो औरंगजेब की पसंदीदा और पहली पत्नी थीं. औरंगाबाद में स्थित बीबी का मकबरा, जो ताज महल की आकृति पर बनवाया गया. ये उनकी आरामगाह के तौर पर ही बनावाया गया था. इनका कद भी राजा से कम नहीं था.  

4. माहम अंगा

माहम अंगा एक ऐसा नाम है जिसने पर्दे के पीछे रहते हुए भी शासन चलाने में काफी योगदान दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकबर के शासन में माहम अंगा राजनीतिक सलाहकार और वास्तविक रीजेंट भी थीं. साथ ही अकबर के दौरान किए गए कई निर्माण के पीछे माहम अंगा को भी श्रेय दिया जाता है.

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