महालनोबिस ने सर्वे से पहले सैंपल लेने की व्यवस्था से भी लोगों को परिचित किया. इसके आधार पर आज के युग में बड़ी-बड़ी नीतियां और योजनाएं बनाई जा रही हैं.
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नई दिल्ली: भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारतीय सांख्यिकी संस्थान के संस्थापक प्रशांत चंद्र महालनोबिस का आज 127वां जन्मदिन है. आपको बता दें कि महालनोबिस को उनकी महालनोबिस दूरी के लिए जाना जाता है. इतना ही नहीं वो भारत के पहले योजना आयोग के सदस्यों में से भी एक थे. महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था. आपको बता दें कि प्रशांत चंद्र महालनोबिस के जन्मदिन को उनकी याद में सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
महालनोबिस का जन्म सुधारवादी और बुद्धिजीवियों के परिवार में हुआ था. उनके दादा गुरुचरण दवाइयों की एक दुकान चलाते थे और उनके पिता प्रबोध चंद्र महालनोबिस ब्रह्म समाज से ताल्लुक रखते थे. उनकी माता निरोदबसिनी भी बंगाल के एक पढ़े-लिखे कुल से संबंध रखती थीं. प्रशांत ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कोलकाता के ब्रह्म ब्वॉयज स्कूल से की थी और अपनी आगे की पढ़ाई उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से पूरी की थी.
उन्होंने भारत में सांख्यिकी संस्थान की स्थापना प्रमाथ नाथ बनर्जी, निखिल रंजन सेन और सर आर. एन. मुखर्जी के साथ मिलकर की थी. 17 दिसंबर 1931 को भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना हुई और 28 अप्रैल 1932 को औपचारिक तौर पर इसका पंजीकरण करवाया गया था. कोलकाता के बाद इसकी कई शाखाएं देश के अलग-अलग राज्यों में शुरू की गईं. भारतीय सांख्यिकी संस्थान की शाखाएं दिल्ली, बैंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, कोयंबटूर, चेन्नई, गिरिडीह सहित भारत के दस शहरों में हैं.
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प्रशांत महालनोबिस को उनके सर्वेक्षण करने में दिए गए योगदान के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने ही पायलट सर्वेक्षण की अवधारणा पेश की थी. इतना ही नहीं उन्होंने सर्वे से पहले सैंपल लेने की व्यवस्था से भी लोगों को परिचित किया. इसके आधार पर आज के युग में बड़ी-बड़ी नीतियां और योजनाएं बनाई जा रही हैं. उन्होंने सांख्यिकीय नमूनाकरण का उपयोग करके फसल पैदावार के आकलन के लिए एक विधि भी पेश की.
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