पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के सामने बीजेपी जिस तरह चुनौती बनकर खड़ी हुई है, उसे देखकर प्रशांत किशोर की ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद अब यही अनुमान लगाया जा रहा है.
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कोलकाता: 2014 लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की जीत में मुख्य भूमिका निभाकर सुर्खियों में आए प्रशांत किशोर अब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के सलाहकार बन सकते हैं. जिस तरह से बंगाल में ममता बनर्जी के सामने बीजेपी चुनौती बनकर खड़ी हुई है, उसे देखकर प्रशांत किशोर की ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद अब यही अनुमान लगाया जा रहा है.
गुरुवार को कोलकाता में प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी से प्रशांत किशोर की मुलाकात केंद्रीय सचिवालय में हुई. ये मुलाकात करीब 1 घंटा 40 मिनट तक चली. 2021 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस प्रशांत किशोर को अपने साथ जोड़ सकती है. माना जा रहा है कि वह एक महीने बाद ममता बनर्जी के साथ काम करना शुरू कर सकते हैं.
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बतौर रणनीतिकार कई चुनावों में अहम भूमिका निभा चुके प्रशांत किशोर अब जनता दल यूनाइटेड के सदस्य हैं. वह एक समय नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उनकी नीतीश के साथ पहले वाली कैमिस्ट्री नहीं रही. नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी में शामिल करते वक्त पार्टी का युवा चेहरा बताया था. प्रशांत किशोर जदयू में अभी हाशिए पर चल रहे हैं. तृणमूल के साथ जुड़ने की खबर पर प्रशांत किशोर ने इनकार नहीं किया है.
आंध्र प्रदेश में जगन की जीत में निभाई भूमिका
प्रशांत किशाेर अभी हाल में आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी के सलाहकार बने थे. लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जगन की पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चंद्रबाबू नायडू को चारों खाने चित्त कर दिया. विधानसभा में उन्होंने राज्य की सत्ता तो हथियाई ही, लोकसभा में भी जगन की पार्टी वाइएसआरसीपी ने टीडीपी का सफाया कर दिया.
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई
2015 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब प्रशांत किशोर बीजेपी छोड़कर जेडीयू के सलाकार बने. बिहार विधानसभा चुनावों में जेडीयू और आरजेडी ने बीजेपी को मात दी. इसके बाद नीतीश ने प्रशांत किशोर का दर्जा बढ़ाते हुए उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था.