राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा,'कुंभ आस्था का चुंबक है जो लोगों को खींच लाता है'
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा,'कुंभ आस्था का चुंबक है जो लोगों को खींच लाता है'

राष्ट्रपति ने कहा, 'यह मेरा सौभाग्य है कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के बाद मुझे कुंभ मेले में मोक्षदायनी गंगा के पावन तट पर आने का अवसर प्राप्त हुआ.' 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार की सुबह अपनी पत्नी सविता कोविंद के साथ विशेष विमान से प्रयागराज पहुंचे  (फोटो साभार - पीटीआई)

प्रयागराज: कुंभ मेले का आनंद उठाने के लिए गुरुवार को यहां आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कुंभ आस्था का चुम्बक है जो लोगों को अपनी ओर खींच लाता है. अरैल घाट पर तीन दिवसीय 'गांधीवाद पुनरूत्थान शिखर सम्मेलन' का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने कहा, 'यह मेरा सौभाग्य है कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के बाद मुझे कुंभ मेले में मोक्षदायनी गंगा के पावन तट पर आने का अवसर प्राप्त हुआ.' 

राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि कुम्भ के आयोजन के साथ हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मना रहे हैं. कुम्भ एक बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के मिलन का महोत्सव है. कुम्भ एक अनूठा आयोजन है और विश्व के लिये आकर्षण का केन्द्र है.

शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'कुम्भ गांधी जी की 150वीं जयंती के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अभियान है. कुम्भ में पहली बार 1 लाख 22 हजार 500 शौचालय बनाकर हमने गांधी जी के स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने में योगदान किया है.' 

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सम्मेलन में कहा,'इस सम्मेलन का आयोजन महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर देश में एकता, सद्भाव, भाईचारा और स्वच्छता का संदेश सभी तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है ताकि देश के प्रत्येक ‘स्लम प्वाइंट’ को ‘सेल्फी प्वाइंट’ बनाया जा सके.' 

उन्होंने कहा, 'यह सच्चा कुम्भ मंथन है. यह अमृत ही हमारे प्यारे भारत को सफलता और समृद्धि के शिखर पर ले जाएगा.' इस शिखर सम्मेलन में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, जूना अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, महंत नरेन्द्र गिरि जी महाराज, हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष शंकर सान्याल और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती भी शामिल हुईं. इस आयोजन में भारत के लगभग 17 राज्यों से 350 से अधिक हरिजन सेवक संघ के कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं.

गुरुवार की सुबह अपनी पत्नी के साथ विशेष विमान से प्रयागराज पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाईक और प्रदेश के कई कैबिनेट मंत्रियों ने बम्हरौली हवाई अड्डे पर स्वागत किया.

बम्हरौली हवाई अड्डे से राष्ट्रपति हेलीकाप्टर से अरैल स्थित डीपीएस ग्राउंड में बने हेलीपोर्ट पहुंचे जहां से वह कार से किला के पास स्थित वीआईपी घाट पहुंचे. घाट से कोविंद क्रूज से संगम तक गए और त्रिवेणी पूजा के लिए संगम नोज पर बनाई गई जेटी पर गए.

संगम में पुजारी दीपू मिश्रा ने 21 बटुकों के साथ राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को विधि विधान से पूजा अर्चना कराई. राष्ट्रपति कोविंद गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के विहंगम दृश्य को देखकर अभिभूत हो गए. उन्होंने करीब आधा घंटे तक गंगा और यमुना में सैर की. राष्ट्रपति पिछले वर्ष माघ मेले में भी परिवार के साथ आए थे.

(इनपुट - भाषा)

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