अगले दो तीन दिनों में मोदी कैबिनेट में विस्तार हो सकता है.जेडीयू और एआईएडीएमके के एनडीए में शामिल होने के बाद से केंद्र की मोदी सरकार के कैबिनेट में फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे.
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नई दिल्लीः जेडीयू और एआईएडीएमके के एनडीए में शामिल होने के बाद से केंद्र की मोदी सरकार के कैबिनेट में फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे. अब खबर है कि अगले दो तीन दिनों में मोदी कैबिनेट में विस्तार हो सकता है. बीजेपी अध्यक्ष अमित के मंगलवार से प्रस्तावित तमिलनाडु दौरा रद होने के कारण इसकी अटकल एकबारगी तेज हो गई है. माना जा रहा है कि चार पांच नए मंत्रियों के साथ साथ वर्तमान मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल हो सकता है. माना जा रहा है कि 25 अगस्त को नए शामिल होने वाले मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो सकता है.
आपको बता दें कि पिछले महीनों में तीन अहम मंत्री कैबिनेट से विदा हो चुके हैं. रक्षा मंत्री रहे मनोहर परीक्कर गोवा के मुख्य मंत्री बन चुके हैं. शहरी विकास और सूचना प्रसारण की जिम्मेदारी संभाल रहे एम. वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति बन चुके हैं. और पर्यावरण का जिम्मा संभाल रहे अनिल माधव दवे का निधन हो चुका है. इन मंत्रालयों का जिम्मा दूसरे मंत्रियों के कंधे पर है. दूसरी तरफ अब जेडीयू भी एनडीए का हिस्सा है, हालांकि अन्नाद्रमुक (AIADMK) अभी तक एनडीए में शामिल नहीं है. लेकिन इन दोनों के मोदी कैबिनेट में शामिल होने को लेकर अटकलें हैं.
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माना जा रहा है कि शाह ने तमिलनाडु का दौरा इसीलिए रद किया है ताकि एक दो दिनों में विस्तार को लेकर होने वाली चर्चा में मौजूद रहें. ध्यान रहे कि पिछले विस्तार से पहले भी शाह ने ही भावी मंत्रियों से चर्चा की थी. इसमें वैसे मंत्री भी शामिल थे जिनको प्रमोट किया गया था. जाहिर है कि सारी नजरें अगले दो दिनों तक उनके आवास और कार्यालय पर टिकी रहेंगी. उनके यहां आने जाने वाले नेताओं से ही अनुमान लगाया जाएगा.
फिलहाल पीएम मोदी की टीम में 76 मंत्री हैं. माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में 6 और मंत्री जोड़े जा सकते हैं. आकलन लगाया जा रहा है कि जेडीयू के कोटे से दो मंत्री बन सकते हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कोई भी कैबिनेट मंत्री होगा या नहीं. लोकसभा में जेडीयू की सीटें सिर्फ दो हैं. लेकिन राज्यसभा में शरद यादव और अली अनवर अंसारी की बगावत के बाद भी आठ सदस्य हैं. शिवसेना के कोटे से अभी तक सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री है. संभव है कि उसके कोटे से भी एक मंत्री जुड़ सकता है. पहाड़ी राज्यों से एक मंत्री बनाने की अटकलें है.