एक सर्वे में 'वर्क फ्रॉम होम' को लेकर सामने आई ऐसी बात, नहीं करेंगे यकीन
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एक सर्वे में 'वर्क फ्रॉम होम' को लेकर सामने आई ऐसी बात, नहीं करेंगे यकीन

'वर्क फ्रॉम होम' (Work From Home) कर्मचारियों की प्राथमिकता बनती जा रही है. CIEL के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. 

'वर्क फ्रॉम होम' कर्मचारियों की प्राथमिकता

नई दिल्ली: लंबे वक्त तक वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) करने के बाद अब एंप्लॉयीज ऑफिस जाने को तैयार नहीं हैं. उन्हें वर्क फ्रॉम होम का ऐसा चस्का लगा कि अब वो सैलरी इंक्रीमेंट और नौकरी भी छोड़ने को तैयार हैं. दरअसल ऐसा हम नहीं बल्कि रिक्रूटमेंट फर्म सीआईईएल एचआर सर्विसेज (Recruitment Firm CIEL HR Services) का सर्वे कह रहा है.

  1. CIEL सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा
  2. वर्क फ्रॉम होम को लेकर सामने आई बड़ी बात
  3. कर्मचारियों की प्राथमिकता बनता जा रहा WFH

क्या है इस सर्वे में? 

कोविड (Covid-19) के दौरान ज्यादातर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दी. लेकिन अब कोरोना (Corona) का खतरा कम होते ही कंपनियां उन्हें काम के लिए ऑफिस बुला रही हैं. कर्मचारियों का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम को कंपनियां अपनी पॉलिसी (Company Policy) में शामिल करें. सीआईईएल ने अपने इस सर्वे में आईटी, आउटसोर्सिंग, टेक स्टार्टअप्स, कंसल्टिंग के साथ-साथ बीएफएसआई से जुड़ी 620 कंपनियों को शामिल किया, जिनके लगभग 2 हजार कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम की पॉलिसी पर राय ली गई. 10 में से 6 कर्मचारियों का मानना था कि अब वे ऑफिस जाकर काम करने के बजाय नौकरी (Jobs) छोड़ना पसंद करेंगे. इतना ही नहीं सर्वे में शामिल 61% कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम के लिए सैलरी इंक्रीमेंट ऑफर भी ठुकराने को तैयार दिखे.

'वर्क फ्रॉम होम ज्यादा आरामदायक'

दिल्ली की रहने वाली देवलीना मैत्रा एक पीआर कंपनी के हेल्थ सेक्शन का काम संभालती हैं. देवलीना के मुताबिक शुरुआती दिनों में हुई दिक्कतों के बाद अब वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) ज्यादा आरामदायक लगने लगा है. वर्क फ्रॉम होम के फायदे गिनाते हुए देवलीना कहती हैं कि उनके पिता हार्ट पेशेंट हैं. ऐसे में वर्क फ्रॉम होम सुविधा से वो पिता का बेहतर ख्याल रख पाती हैं. उनका मानना है कि ऑफिस के बजाय वो घर पर ज्यादा फोकस्ड होकर काम कर पाती हैं. वो कहती हैं कि वर्क फ्रॉम होम से कंपनी की प्रोडक्टिविटी कहीं ज्यादा बढ़ी है.

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वर्क फ्रॉम होम ना मिलने पर दिया इस्तीफा

दिल्ली के एप्लीकेशन डेवलपर राज सोनी ने कुछ वक्त पहले ही अपनी पहली नौकरी से इस्तीफा (Resignation) दिया. वजह थी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा ना मिलना. राज का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम से पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ अच्छे से बैलेंस हो जाती है. जितना वक्त ऑफिस जाने में लगाते हैं, उतना वक्त हम वर्क फ्रॉम होम में ऑफिस के लिए एक्स्ट्रा घंटे दे सकते हैं. राज की मां हाई शुगर पेशेंट हैं. ऐसे में उनके साथ उनका रहना बहुत जरूरी है. राज कहते हैं कि आजकल जॉब ऑफर (Job Offer) आने पर वो वर्क फ्रॉम होम के विकल्प को ही प्राथमिकता देते हैं.

क्या कहता है आंकड़ा?

कोरोना (Corona) के घटते मामलों के बीच सभी कंपनियां धीरे-धीरे ऑफिस खोल रही हैं. बावजूद इसके उन्होंने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का विकल्प रखा है. सीआईईएल (CIEL) के सर्वे में शामिल 620 कंपनियों में से 40% वर्क फ्रॉम होम तो वहीं 26% हाइब्रिड मोड में और बाकी 34% वर्क फ्रॉम ऑफिस (Work From Office) कर रहे हैं. जाहिर तौर पर इस बदले हुए वर्क कल्चर का मकसद ऐसे कर्मचारियों को कंपनी में बनाए रखना है जो कंपनी के लिए एसेट हैं. 

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क्या कहते हैं इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स?

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स (Industry Experts) का भी यही मानना है कि आईटी, कंसल्टेंसी या फिर स्टार्टअप कंपनी के लिए वर्क फ्रॉम होम एक शानदार विकल्प है. दरअसल आईटी, आउटसोर्सिंग, टेक स्टार्टअप्स, कंसल्टिंग के साथ-साथ बीएफएसआई जैसी इंडस्ट्री में नौकरी छोड़ने की एफिशिएंसी कहीं ज्यादा है. ऐसे में कंपनियों को अपने अच्छे कर्मचारियों को बनाए रखना और ज्यादा कर्मचारियों को जोड़ना एक बड़ी चुनौती है. इसलिए अब ऐसा लगता है कि वर्क फ्रॉम होम का विकल्प देना इन कंपनियों की मजबूरी बनता जा रहा है.

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