शोपियां मुठभेड़: सैनिकों के खिलाफ पहली बार मिले साक्ष्य, इस एक्ट के तहत होगी कार्यवाही
Advertisement
trendingNow1750210

शोपियां मुठभेड़: सैनिकों के खिलाफ पहली बार मिले साक्ष्य, इस एक्ट के तहत होगी कार्यवाही

श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध सेना ने सोशल मीडिया पर सामने आई उन रिपोर्टों के बाद जांच शुरू की, जिसमें दावा किया गया था कि जम्मू के राजौरी जिले के रहने वाले तीन व्यक्ति अमशीपुरा से लापता हुए थे. जांच को चार सप्ताह के भीतर ही पूरा कर लिया गया.

फाइल फोटो.

श्रीनगर: सेना को 'प्रथम दृष्टया' साक्ष्य मिले हैं कि उसके जवानों ने कश्मीर के शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ में सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया. इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इस वर्ष जुलाई में यह मुठभेड़ हुई थी और इसमें तीन लोग मारे गए थे. दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपुरा गांव में सेना ने 18 जुलाई को तीन आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था.

4 सप्ताह के भीतर जांच पूरी
श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध सेना ने सोशल मीडिया पर सामने आई उन रिपोर्टों के बाद जांच शुरू की, जिसमें दावा किया गया था कि जम्मू के राजौरी जिले के रहने वाले तीन व्यक्ति अमशीपुरा से लापता हुए थे. जांच को चार सप्ताह के भीतर ही पूरा कर लिया गया.

अफस्पा का उल्लंघन  
सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि जांच से कुछ निश्चित साक्ष्य सामने आए जो कि दर्शाते हैं कि अभियान के दौरान अफस्पा, 1990 के तहत निहित शक्तियों का दुरुपयोग किया गया और उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत सेना प्रमुख की ओर से निधार्रित नियमों का उल्लंघन किया गया. इसके मुताबिक, परिणामस्वरूप, सक्षम अनुशासनात्मक प्राधिकरण ने प्रथम दृष्टया जवाबदेह पाए गए सैनिकों के खिलाफ सेना अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- मालिक को बदनाम करने के लिए 'नौकरानी' ने प्रेमी के साथ मिलकर की ये गंदी हरकत

उमर ने दोषियों के खिलाफ पारदर्शी कार्रवाई की वकालत की
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि शोपियां जिले में कथित मुठभेड़ में मारे गए तीन व्यक्तिों के मामले में दोषियों के खिलाफ की जाने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए. उमर ने ट्वीट किया, ' मारे गए तीनों व्यक्तियों के परिजन लगातार उन्हें निर्दोष बताते रहे. सेना की ओर से शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई यह दर्शाती है कि सेना भी परिजन से सहमत है. यह प्रक्रिया आवश्यक तौर पर पारदर्शी रहनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.'

उमर की प्रतिक्रिया सेना के उस बयान के बाद आई है जिसमें सेना को 'प्रथम दृष्टया' साक्ष्य मिले हैं कि उसके जवानों ने कश्मीर के शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ में सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया. इस वर्ष 18 जुलाई में यह मुठभेड़ हुई थी और इसमें तीन लोग मारे गए थे.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news