पुलवामा हमलाः भारत ने पाकिस्तान से वापस लिया MFN का दर्जा, CCS बैठक में हुआ फैसला
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पुलवामा हमलाः भारत ने पाकिस्तान से वापस लिया MFN का दर्जा, CCS बैठक में हुआ फैसला

वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि जिन लोगों ने आतंकी वारदात को अंजाम दिया और जिन लोगों ने इसे समर्थन दिया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

फोटो ANI

नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर के पुलवामा के अवंतिपोरा में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अहम बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, एनएसए अजीत डोवाल, खुफिया विभाग (आईबी) के उच्च अधिकारियों के अलावा तीनों सेनाओं के अध्यक्ष भी शामिल हुए. बैठक में सीआरपीएफ के डीजी पुलवामा आतंकी हमले के बारे में कमेटी (CCS) को जानकारी दी. 

बैठक में फैसला किया गया कि आतंकियों के खिलाफ जवाबी करवाई के अलावा पुलवामा आतंकी हमले पर मोदी सरकार डोजियर तैयार करेगी जिसमे ये सबूत होंगे कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. इसके जरिये कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को अलग थलग किया जाएगा.

बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस को बताया, 'आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक हुई. बैठक में शहीदों के श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया था. पुलवामा की वास्तवित स्थिति का आंकलन किया गया. विदेश मंत्रालय आपको इस मामले में उठाए जाने वाले कदम के बारे में जानकारी समय समय पर देगा. भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया. वाणिज्य मंत्रालय इस संबंध में सूचना जारी करेगा. सुरक्षाबल सुरक्षा के पूरे कदम उठाएगी. जिन लोगों ने आतंकी वारदात को अंजाम दिया और जिन लोगों ने इसे समर्थन दिया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सुरक्षाबल कड़े कदम उठाएंगे. गृह मंत्री कश्मीर जाएंगे और सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा भी करेंगे.'

उन्होंने कहा कि साथ ही संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के विषय पर अंतरराष्ट्रीय संधि को अमलीजामा पहनाने के विषय पर पहल करना तय हुआ है. यह विषय आतंकवाद की परिभाषा को लेकर एकराय नहीं बन पाने के कारण अटका हुआ है. विदेश मंत्रालय इस विषय पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ चर्चा करेगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि सुरक्षा के संबंध में सुरक्षा बल सभी संभव कदम उठायेंगे. इसमें सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ जिन लोगों ने यह अपराध (सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमला) किया है और जिन लोगों ने उसमें सक्रिय समर्थन दिया है.... ‘‘ उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.’’  उन्होंने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह थोड़ी देर में श्रीनगर जा रहे हैं, उनके साथ कुछ अधिकारी भी जा रहे हैं. गृह मंत्री संभवत: शनिवार को लौट आयेंगे. इसके बाद सभी राजनीति दलों के साथ चर्चा करेंगे.

जेटली ने बताया कि सीसीएस की बैठक में गुरुवार को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले की घटना का आकलन किया गया. यह विचार किया गया कि क्या क्या कदम उठाना चाहिए?  वित्त मंत्री ने कहा कि बैठक में शहीदों के सम्मान में एक श्रद्धांजलि प्रस्ताव पारित किया गया और कुछ पल क मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई. उन्होंने कहा कि शहीदों का पार्थिव शरीर उनके परिजनों तक पहुंचाया जायेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेना अध्यक्ष और सीआरपीएफ के डीजी भी शामिल हुए हैं.

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बैठक के बाद डीजी सीआरपीएफ और गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर रवाना होंगे. राजनाथ सिंह घायलों से मिलने अस्पताल भी जाएंगे. इसके अलावा हमले की जांच के लिए 18 सदस्यीय CFSL टीम घटनास्थल जाएगी. 

बता दें कि समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पुलवामा आतंकी हमले में अब तक 44 सीआरपीएफ जवान शहीद हो चुके है, जबकि कई घायल जवान अभी भी अस्पताल में भर्ती है. ये हमला गुरुवार को जम्मू श्रीनगर हाईवे पर पुलवामा जिले के अवंतिपोरा में सीआरपीएफ (CRPF) के वाहन को निशाना बनाकर आईईडी ब्लास्ट (IED Blast) के जरिए किया गया. सीआरपीएफ के वाहनों पर यह हमला उस वक्त हुआ, जब सेना के जवानों का काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था.

हालातों की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने कश्मीर घाटी और जम्मू में इंटरनेट सेवा पर फिलहाल रोक लगा दी है.इस काफिले में 78 वाहन शामिल थे, जिनमें 2500 सुरक्षाकर्मी सवार थे. आतंकियों ने इलाके में जवानों पर पहले गोलीबारी की और फिर उन पर कार के जरिये आईईडी ब्‍लास्‍ट किया.

सेना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 2001-02 में आतंकियों ने इसी तरह के फियादिन हमले को अंजाम दिया था. सेना का कहना है कि सेना ने जिस तरह से आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया है, उसमें उनकी बौखलाहट बढ़ गई है. इसी कारण उन्‍होंने आईएसआईएस की तर्ज पर ये हमला किया है.

जैश ने काफिले पर फिदायीन हमला करने वाले आतंकी आदिल ऊर्फ वकास का वीडियो जारी किया. वीडियो में दक्षिण कश्‍मीर के काकपोरा के रहने वाले वकास जैश के झंडे के आगे बैठा हुआ दिख रहा है. उसके सामने ग्रेनेड और अत्याधुनिक राइफल रखी हुई है. 

वीडियो की शुरुआत करते हुए वकास कह रहा है, 'जब तक यह वीडियो आप लोगों तक पहुंचेगा उस समय मैं जन्‍नत में मजे लूट रहा होऊंगा. मैंने जैश ए मोहम्‍मद में आतंकी के रूप में एक साल बिताया और यह मेरा कश्‍मीर के लोगों के लिए आखिरी मैसेज है.'

(इनपुट भाषा)

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