जब Amritsar के स्वर्ण मंदिर में दाखिल हुई थी सेना, आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन था Blue Star
Advertisement
trendingNow1914595

जब Amritsar के स्वर्ण मंदिर में दाखिल हुई थी सेना, आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन था Blue Star

पंजाब सरकार ने पूरे प्रदेश में सुरक्षा कड़ी कर दी है. वहीं अमृतसर पुलिस ने कहा है कि जिले में निगरानी रखने के लिए 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों तैनात हैं. इसी सिलसिले में बीते शनिवार को पुलिस ने गुरुवार को हॉल गेट से हेरिटेज स्ट्रीट तक फ्लैग मार्च किया था.

स्वर्ण मंदिर के पास गश्त करते पंजाब पुलिस के जवान फोटो साभार: (IANS)

नयी दिल्ली: सिख संगठनों ने आज ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) की 37वीं बरसी मनाने के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है. इसके मद्देनजर पूरे पंजाब (Punjab) में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. दरअसल जून का पहला हफ्ता और उसके कुछ खास दिन देश के सिखों के जहन में एक दुखद घटना के साथ दर्ज है.

  1. पूरे पंजाब में सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद
  2. ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर अलर्ट
  3. पुलिस ने अमृतसर में निकाला फ्लैग मार्च

भारतीय सेना (Indian Army) ने इस दिन अमृतसर (Amritsar) के स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) परिसर में प्रवेश किया था. सिखों के इस सर्वाधिक पूजनीय स्थल पर सेना के अभियान को ऑपरेशन ब्लू स्टार नाम दिया गया था.

प्रदेश में खास सुरक्षा इंतजाम

इस बीच, पंजाब सरकार ने पूरे प्रदेश में सुरक्षा कड़ी कर दी है. अमृतसर पर सबसे ज्यादा फोकस है, जहां पर स्वर्ण मंदिर है. वहीं अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने कहा है कि शहरभर में निगरानी रखने के लिए 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया है. इसी सिलसिले में बीते शनिवार को पुलिस ने गुरुवार को हॉल गेट से हेरिटेज स्ट्रीट तक फ्लैग मार्च किया, जो स्वर्ण मंदिर की ओर जाता है.

सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह इस साल ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर गुरु ग्रंथ साहिब के गोलियों से भरे पवित्र सरूप को प्रदर्शित करेगी. उस समय गर्भगृह में स्थापित सरूप पर 1984 में सेना की कार्रवाई के दौरान एक गोली लग गई थी.

ये भी पढे़ं- Earthquake के झटकों से कांपा Jammu-Kashmir, Richter scale पर 2.5 रही तीव्रता

पूर्व पीएम ने लिया था फैसला

दरअसल देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) देश के सबसे खुशहाल राज्य पंजाब को उग्रवाद के दंश से छुटकारा दिलाना चाहती थीं, लिहाजा उन्होंने यह सख्त कदम उठाया और खालिस्तान के प्रबल समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindranwale) का खात्मा करने और सिखों की आस्था के पवित्रतम स्थल स्वर्ण मंदिर को उग्रवादियों से मुक्त करने के लिए यह अभियान चलाया.

समूचे सिख समुदाय ने इसे हरमंदिर साहिब की बेअदबी माना और इंदिरा गांधी को अपने इस कदम की कीमत अपने सिख अंगरक्षक के हाथों जान गंवाकर चुकानी पड़ी.

(इनपुट भाषा से)

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news