Rahul Gandhi और Pakistan के पीएम Imran Khan दोनों RSS से परेशान? जानिए वजह
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Rahul Gandhi और Pakistan के पीएम Imran Khan दोनों RSS से परेशान? जानिए वजह

Rahul Gandhi On RSS: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दोनों के बयान एक जैसे हैं. दोनों ने आरएसएस की आलोचना की है.

बाईं तरफ राहुल गांधी और दाईं तरफ इमरान खान.

नई दिल्ली: डर का मनोविज्ञान भी बड़ा अजीब है. जो खुद के खिलाफ किसी ने आवाज उठाई तो वो अनुशासनहीनता मानी जाती है और जो दूसरे के खिलाफ ना बोल पाए वो डरपोक हो जाता है. कांग्रेस (Congress) सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आजकल पार्टी के नेताओं को निडर और डरपोक होने का संदेश सुना रहे हैं. सोशल मीडिया सेल के वॉलंटियर्स के साथ बैठक में राहुल गांधी ने बड़ी सावधानी से पार्टी नेताओं को बड़ा संदेश दिया.

  1. डरपोक लोग कांग्रेस से बाहर जाओ- राहुल गांधी
  2. निडर लोगों को कांग्रेस में लाओ- राहुल गांधी
  3. भारत-पाकिस्तान की दोस्ती में संघ बाधक- इमरान खान

राहुल गांधी को कांग्रेस में चाहिए निडर लोग

राहुल गांधी ने कहा कि बहुत सारे लोग हैं जो डर नहीं रहे हैं. कांग्रेस के बाहर हैं वो सब हमारे हैं. उनको अंदर लाओ. और जो हमारे यहां डर रहे हैं उनको बाहर निकालो. चलो भइया जाओ. आरएसएस (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के हो जाओ. भागो, मजे लो, नहीं चाहिए, जरूरत नहीं है तुम्हारी. हमें निडर लोग चाहिए. ये हमारी आइडियोलॉजी है.

इमरान खान ने आरएसएस पर क्या कहा?

वहीं पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने भी भारत-पाकिस्तान की दोस्ती में संघ (RSS) को बाधक बताया है. तो क्या राहुल गांधी और इमरान खान की सोच एक है? क्या राहुल गांधी अपनी नाकामी छिपाना चाहते हैं? राहुल गांधी के पाकिस्तान के सुर में बोलने का क्या मतलब है?

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राहुल गांधी के बयान के क्या मायने हैं?

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के बाहर भी बहुत सारे लोग हैं जो डर नहीं रहे. वो सब हमारे हैं. उनको अंदर लाओ. तो क्या राहुल गांधी ममता बनर्जी, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे विपक्ष के बड़े चेहरों को कांग्रेस के नेतृत्व में मोर्चाबंदी का संदेश देना चाहते हैं.

कांग्रेस में कैसे मिलेगा निडर होने का सबूत?

राहुल गांधी ने दूसरी अहम बात कही कि जो हमारे यहां डर रहे हैं उनको बाहर निकालो. तो क्या ये संदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को है, जो कांग्रेस में आतंरिक चुनाव की मांग कर रहे हैं. क्या राहुल गांधी नेताओं को इशारा कर रहे हैं कि कांग्रेस में रहना है तो सिर्फ बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ बोलना ही उन्हें निडर साबित कर सकता है.

तीसरी बड़ी बात राहुल गांधी ने की जो आरएसएस के हैं वो चलें जाएं. कांग्रेस को उनकी जरूरत नहीं. तो क्या ये संदेश ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद या फिर उनकी राह पर चलने की सोच रहे नेताओं के लिए हैं. राहुल गांधी ऐसे नेताओं से क्या ये कहना चाहते हैं कि उनके जाने से भी कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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बहरहाल इन सवालों के बीच बीजेपी हमलावर है. बीजेपी नेता तंज कस रहे हैं कि राहुल अपनी नाकामी छिपाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं और संघ के बारे में उनकी जानकारी बेहद सीमित है.

बीजेपी का विरोध तो अपनी जगह है, लेकिन राहुल गांधी के डर वाले बयान में उनका अपना दर्द और डर छिपा नजर आता है. राहुल गांधी ने बेशक खुलकर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन कांग्रेस में नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों की कोई कमी नहीं है. गुलाम नबी आजाद से लेकर कपिल सिब्बल तक और आनंद शर्मा से लेकर मनीष तिवारी तक, 23 ऐसे नेता हैं जो कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव के पैरोकार हैं.

ये नेता सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर अपनी बात रख चुके हैं, लेकिन कांग्रेस में बिना डर वाली ये आवाज बगावती मानी जाती है और आजतक राहुल गांधी ने खुलकर कभी इन नेताओं की बातों का समर्थन नहीं किया.

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