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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को हाल की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हुए वरिष्ठ नेता शरद यादव से उनके आवास पहुंचकर मुलाकात की. शरद यादव से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि बीते दो-तीन सालों से सच छिपाया जा रहा है, लेकिन धीरे-धीरे सच सामने आएगा. ऐसा ही श्रीलंका में हुआ वहां सच सामने आया. भारत में भी सच सामने आएगा. अर्थशास्त्री और नौकरशाह दूसरे देशों को देखकर अपनी योजना बनाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं हमें उनके जैसा बनना है. ऐसा नहीं किया जा सकता. सबसे पहले, हमें यह महसूस करना होगा कि हम कौन हैं और यहां क्या हो रहा है. उन्होंने कमर तोड़ दी है, अगले 3-4 साल में भयानक परिणाम आएंगे.
राहुल गांधी ने कहा, 'मैं शरद यादव के इस बयान से सहमत हूं कि देश में बुरे हाल हैं. नफरत फैलाई जा रही है और देश को बांटा जा रहा है. हमें देश को एकजुट करना है और भाईचारे के रास्ते पर चलना है, जो कि देश के इतिहास का हिस्सा रहा है.'
राहुल ने कहा कि शरद यादव बीमार थे व लंबे समय से अस्वस्थ महसूस कर रहे थे. मैं उन्हें स्वस्थ देखकर 'फाइटिंग फिट' पाकर बहुत खुश हूं. आप उन्हें मुस्कुराते हुए देख सकते हैं. मुझे भी यह देख अच्छा लग रहा है. राजनीति में उन्होंने मुझे काफी कुछ सिखाया है.
वहीं शरद यादव ने राहुल से मुलाकात के बाद इस सवाल के जवाब में कि क्या राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए? उन्होंने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि क्यों नहीं? यदि कोई कांग्रेस को 24 घंटे चला रहा है तो वह राहुल हैं. शरद यादव ने कहा, मैं सोचता हूं कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. उसके बाद ही कुछ बड़ा किया जा सकेगा. वहीं अध्यक्ष पद को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे.
गौरतलब है कि 2018 में नीतीश से नाराज होकर शरद यादव ने अलग पार्टी 'लोकतांत्रिक जनता दल' बनाई, लेकिन उसे अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली. इसे देखते हुए शरद यादव ने उनकी पार्टी का विलय बिना शर्त गत 20 मार्च को लालू यादव की पार्टी आरजेडी में करने का निर्णय लिया था. कुछ दिन पहले ही दिल्ली में तेजस्वी यादव से शरद यादव ने मुलाकात की थी, जिसके बाद शरद यादव ने कहा था कि तेजस्वी यादव अब राजनीतिक विरासत संभालेंगे.
इसके साथ ही उनकी पार्टी के आरजेडी में विलय के मौके पर शरद यादव ने कहा था कि हमारी पार्टी का राजद में विलय विपक्षी एकता की दिशा में पहला कदम है. यह जरूरी है कि बीजेपी को हराने के लिए पूरे भारत में पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए. अभी एकीकरण हमारी प्राथमिकता है, उसके बाद ही हम सोचेंगे कि एकजुट विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा. (इनपुट: IANS)
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