Rahul Gandhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी में एक इंटरएक्शन के दौरान लोगों को 'देवता' का मतलब समझाया. उन्होंने इस कार्यक्रम में चीन की जमकर तारीफ की.
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Rahul Gandhi In USA: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं. रविवार को डैलस स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में राहुल ने सबको 'देवता' की परिभाषा समझाई. राहुल ने कहा कि 'देवता का मतलब ऐसा व्यक्ति जिसकी आंतरिक भावनाएं ठीक वैसी ही हैं, जैसी उसके बाहरी विचार, यानी वह पूरी तरह से पारदर्शी है.' कांग्रेस सांसद ने कहा, 'अगर कोई व्यक्ति मुझे वह सब कुछ बताता है जो वह मानता है या सोचता है और उसे खुले तौर पर जाहिर करता है, तो यही देवता की परिभाषा है.'
राहुल ने कहा कि 'हमारी राजनीति के बारे में दिलचस्प बात यह है कि आप अपने विचारों को कैसे दबाते हैं? आप अपने डर, लालच या महत्वाकांक्षाओं को कैसे दबाते हैं और दूसरे लोगों के डर और महत्वाकांक्षाओं का निरीक्षण कैसे करते हैं...' राहुल ने भगवान राम से लेकर भगवान शिव तक का जिक्र किया और भारतीय राजनीति के बारे में अपने विचार सामने रखे.
Devta actually means a person whose internal feelings are exactly the same as his external expression, meaning he is a completely transparent being. If a person tells me everything he believes or thinks and expresses it openly, that’s the definition of a Devta.
What’s… pic.twitter.com/m3fkxuZqLX
— Congress (@INCIndia) September 8, 2024
'बुद्ध से लेकर शिव तक... सब एक्सट्रीम है'
गांधी ने कहा, 'अगर आप हमारे महान ऐतिहासिक नेताओं को देखें, तो आपको एक्स्ट्रीम दिखेंगे. आप बुद्ध को देख सकते हैं, जो एक्स्ट्रीम का प्रतिनिधित्व करते हैं, और आप भगवान राम और महात्मा गांधी को देख सकते हैं. मूल विचार पहचान का विनाश, स्वयं का विनाश और दूसरों की बात सुनना है. मेरे लिए, यही भारतीय राजनीति है - यही भारतीय राजनीति का दिल है, और यही एक भारतीय नेता को परिभाषित करता है.' उन्होंने कहा, 'आप शिव के विचार को जानते हैं - जब वे कहते हैं कि शिव संहारक हैं - तो वे किसका विनाश कर रहे हैं? खुद का. यही विचार है. वह अपने अहंकार, अपनी संरचना, अपनी मान्यताओं को नष्ट कर रहा है. इसलिए, भारतीय राजनीतिक विचार और कार्य सभी भीतर की ओर जाने के बारे में हैं.'
If you look at our great historical leaders, you can see extremes. You can see Buddha, who represents an extreme, and you can see Bhagwan Ram and Mahatma Gandhi. The basic idea is the destruction of the identity, the destruction of the self, and listening to what others are… pic.twitter.com/qTtEpeOCvt
— Congress (@INCIndia) September 8, 2024
'भारत में लाखों-करोड़ों एकलव्य'
राहुल ने लोगों से पूछा कि 'क्या आपने एकलव्य की कहानी सुनी है?' फिर उन्होंने कहा, 'अगर आप समझना चाहते हैं कि भारत में क्या हो रहा है, तो हर दिन लाखों-करोड़ों एकलव्य की कहानियां सामने आती हैं. हुनररखने वाले लोगों को दरकिनार किया जा रहा है - उन्हें काम करने या कामयाब होने की अनुमति नहीं दी जा रही है, और यह हर जगह हो रहा है. हुनर का सम्मान करना और उन्हें आर्थिक और तकनीकी रूप से समर्थन देना ही वह तरीका है जिससे आप भारत की क्षमता को उजागर कर सकते हैं. आप सिर्फ 1-2 प्रतिशत आबादी को सशक्त बनाकर भारत की शक्ति को उजागर नहीं कर सकते. यह मेरे लिए दिलचस्प नहीं है.'
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अमेरिकी और भारतीय नेताओं में फर्क
राहुल ने अमेरिका और भारत के नेताओं के बीच फर्क भी समझाया. उन्होंने कहा, 'एक अमेरिकी नेता कहेगा, 'सुनो, हमें वहां जाना है. मैं तुम्हें वादा किए गए देश में ले जा रहा हूँ. चलो.' दूसरी ओर, एक भारतीय नेता खुद को चुनौती देता है. गांधी जी ने मूल रूप से खुद को चुनौती दी. यह एक अलग अवधारणा है. कुछ मायनों में, भारत जोड़ो यात्रा मेरे ऊपर एक हमला था. चार हजार किलोमीटर - देखते हैं क्या होता है. यह सोचने का एक बिल्कुल अलग तरीका पैदा करता है और लोगों के साथ एक अनूठा रिश्ता बनाता है.'
Have you heard of the Eklavya story?
If you want to understand what is happening in India, it is millions and millions of Eklavya stories every single day. People with skills are being sidelined—they are not being allowed to operate or thrive, and this is happening everywhere.… pic.twitter.com/ei7ifoFl1c
— Congress (@INCIndia) September 8, 2024
राहुल ने की चीन की खुलकर तारीफ
गांधी ने एक सवाल के जवाब में चीन की उत्पादन क्षमता की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, 'पश्चिम में रोजगार की समस्या है. भारत में रोजगार की समस्या है... लेकिन दुनिया के कई देशों में रोजगार की समस्या नहीं है. चीन में निश्चित रूप से रोजगार की समस्या नहीं है. वियतनाम में रोजगार की समस्या नहीं है... इसका एक कारण है. यदि आप 1940, 50 और 60 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका को देखें, तो वह वैश्विक उत्पादन का केंद्र था. जो कुछ भी बनाया जाता था, कार, वाशिंग मशीन, टीवी, सभी USA में बनते थे. उत्पादन USA से चला गया. यह कोरिया गया, यह जापान गया. आखिरकार यह चीन चला गया. अगर आप आज देखें, तो चीन वैश्विक उत्पादन पर हावी है... तो क्या हुआ है? पश्चिम, अमेरिका, यूरोप और भारत ने उत्पादन के विचार को छोड़ दिया है और उन्होंने इसे चीन को सौंप दिया है.'
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राहुल ने कहा, 'उत्पादन का कार्य रोजगार पैदा करता है. हम जो करते हैं, जो अमेरिकी करते हैं, जो पश्चिमी करते हैं, वह यह है कि हम उपभोग को व्यवस्थित करते हैं... भारत को उत्पादन के कार्य और उत्पादन को व्यवस्थित करने के बारे में सोचना होगा... यह स्वीकार्य नहीं है कि भारत बस यह कहे कि ठीक है, विनिर्माण, जिसे आप विनिर्माण या उत्पादन कहते हैं, वह चीनियों का विशेषाधिकार होगा. यह वियतनामियों का विशेषाधिकार होगा. यह बांग्लादेश का विशेषाधिकार होगा...'
#WATCH | Dallas, Texas, USA: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, "The West has an employment problem. India has an employment problem... But many countries in the world don't have an employment problem. China certainly doesn't have an employment problem. Vietnam… pic.twitter.com/n0XrpbE6LK
— ANI (@ANI) September 8, 2024
उन्होंने कहा, 'हमें लोकतांत्रिक वातावरण में उत्पादन करने के तरीके पर पुनर्विचार करना होगा. जब तक हम ऐसा नहीं करते, हमें उच्च स्तर की बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा. और स्पष्ट रूप से, यह टिकाऊ नहीं है. इसलिए आप देखेंगे कि यदि हम विनिर्माण को भूलने के इस रास्ते पर चलते रहेंगे, तो आप भारत और USA और यूरोप में भारी सामाजिक समस्याओं को आते हुए देखेंगे. हमारी राजनीति का ध्रुवीकरण इसी वजह से है...'