Ajmer News: ब्यावर के बिचडली मोहल्ले में वाल्मिकी समाज के पूर्वजों द्वारा स्थापित लगभग 150 वर्ष पुरानी हथाई व शिव मंदिर के साथ कुछ असामाजिक तत्व व भू माफियां इसको तोड़ने की साजिश रच रहे हैं. जिसको लेकर वाल्मिकी समाज के लोग ने नाराजगी जताई है और एसडीएम को इस मामले पर ज्ञापन दिया है.
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Ajmer News: शहर के बीचडली मोहल्ला स्थित वाल्मिकी समाज की हथाई के पास स्थित शहर के सार्वजनिक ऐतिहासिक करकोटे को भू-माफियाओं द्वारा तोड़कर आम रास्ता निकालने का मामला सामने आया है. मामले को लेकर वाल्मिकी समाज के लोगों ने भू-माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने तथा शहर के ऐतिहासिक परकोटे को बचाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन दिया. एसडीएम के नाम दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि शहर के भू-माफियाओं द्वारा बीचडली तालाब की पानी आने वाली नालों को बंद कर दिया गया है. जिससे बीचडली तालाब में पानी आने वाली नाला अवरूद्ध हो गई है.
नालों से तालाब में जाने वाले पानी में हो रही रूकावट के कारण बरसात के दिनों में यहां आसपास रहने वाले लोगों को पानी भराव के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शहर के चारों ओर का पानी नाले के माध्यम से तालाब में प्रवेशित होता था. नाले को भी बन्द कर तालाब को जाने वाले पानी की नाले को भी रोक दिया गया है. जिसके कारण वहां के रहने वाले आवासियों को बारिश के मौसम में बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है.
ज्ञापन में बताया गया कि बिचडली मोहल्ले में वाल्मिकी समाज के पूर्वजों द्वारा स्थापित लगभग 150 वर्ष पुरानी हथाई व शिव मंदिर के साथ कुछ असामाजिक तत्व व भू माफिया इसको तोड़ने की साजिश रच रहे हैं जो कि वाल्मिकी समाज की धार्मिक व सामाजिक भावनाओं को आहत करने का षड्यंत्र है. इस मंदिर पर समाज के सभी धार्मिक व सामाजिक रिति रिवाज कई वर्षों से सम्पन्न किये जा रहे एवं यह धरोहर वाल्मिकी समाज के पूर्वजों का एक प्रतीक है. ज्ञापन में बताया कि ब्यावर शहर की ऐतिहासिक धरोहर जिसमें चार गेट शहर का परकोटा हुआ करता है. उस ऐतिहासिक परकोटे को असामाजिक तत्वों व भू-माफियाओं द्वारा निरन्तर तोड़ कर अतिक्रमण किया जा रहा है. जिस पर प्रशासन का ध्यान नहीं है. ज्ञापन में वाल्मिकी समाज के पदाधिकारियों ने शहर की ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
ज्ञापन देने वालों में बीचडली मोहल्ला वाल्मिकी नवयुवक समिति अध्यक्ष अनिल उमरवाल, विजयकांत जावा, मुकेश डूलगच, जीवराज जावा, नीरज घावरी, रविन्द्र जॉय, मुकेश लखन, भंवरलाल जावा, गोविन्द घावरी, महेन्द्र सांगेला, गोपाल गोयर, विश्वास गुजराती, रोशन घावरी तथा कमलेश खोखर आदि शामिल थे.
Reporter- Dilip Chouhan