अजमेर नगर निगम के पार्षदों ने आज विभिन्न समस्याओं के साथ ही अजमेर विकास प्राधिकरण के द्वारा की जा रही अभद्रता और बदसलूकी को लेकर जिला कलेक्टर से मुलाकात की और आम जनता की समस्याओं को लेकर जल्द निदान की मांग रखी.
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Ajmer: अजमेर नगर निगम के पार्षदों ने आज विभिन्न समस्याओं के साथ ही अजमेर विकास प्राधिकरण के द्वारा की जा रही अभद्रता और बदसलूकी को लेकर जिला कलेक्टर से मुलाकात की और आम जनता की समस्याओं को लेकर जल्द निदान की मांग रखी. प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे जारी करने में आ रही समस्याओं को लेकर भी जिला कलेक्टर को सभी पार्षदों ने ज्ञापन सौंपा है.
अजमेर नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन के साथ ही कांग्रेस बीजेपी और निर्दलीय पार्षदों ने अपनी विभिन्न समस्याओं से परेशान होकर जिला कलेक्टर से मुलाकात की और उन्हें अपने-अपने वादों की अलग-अलग समस्याओं की जानकारी दी और सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान आ रही समस्याओं पर भी जल्द कार्रवाई की मांग की है. पार्षदों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार सभी को पट्टे जारी करने के निर्देश दे रही है.
वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं और कई बाजू में तो एक भी पट्टे जारी नहीं किए गए है, जिसके कारण आम जनता लगातार पार्षदों को गिरती है और प्रशासनिक अधिकारी इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. ऐसे में जिला कलेक्टर ने सबकी बातों को एक बार फिर नोट किया, जिससे कि उनकी समस्याओं पर कार्रवाई की जा सके. वहीं सभी पार्षदों ने अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त अक्षय गोदारा के खिलाफ भी शिकायतें की है.
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अजमेर नगर निगम के वार्ड 78 से पार्षद वसीम खान ने बताया कि अपने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर जब वह आयुक्त से मिलने पहुंचे तो उन्होंने उनकी मांगों को सुनने के बजाय उनसे बदसलूकी की और चेंबर से बाहर निकल जाने को कहा, ऐसे में दोनों के बीच तनातनी हो गई और सभी पार्षदों ने इस संबंध में उचित कार्रवाई की मांग को लेकर भी ज्ञापन सौंपा है. अगर जल्दी इन सभी विषयों को लेकर कार्रवाई नहीं की जाती है तो फिर 7 दिन के बाद सभी पार्षद धरना देंगे, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सरकार की होगी.
डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी लगातार लापरवाही कर रहे हैं और जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही. ऐसे में अगर सुनवाई नहीं होती है तो फिर सभी को सड़कों पर उतरना पड़ेगा. साथ ही उन्होंने आरोप लगाए कि प्रशासनिक अधिकारी मुख्यमंत्री तक की बातें को नहीं सुन रहे तो ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को तो उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए लेकिन वह जनता की विभिन्न समस्याओं को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे.
Reporter: Ashok Bhati
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