इस जेल में बंद हैं लॉरेंस बिश्नोई गैंग, राजू ठेहट और उदयपुर हत्याकांड के आरोपी
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इस जेल में बंद हैं लॉरेंस बिश्नोई गैंग, राजू ठेहट और उदयपुर हत्याकांड के आरोपी

Ajmer News: अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में वर्तमान में लॉरेंस बिश्नोई गैंग, राजू ठेहट और उदयपुर हत्याकांड के आरोपी भी कैद हैं, जिनकी निगरानी के लिए जेल प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं.

 

इस जेल में बंद हैं लॉरेंस बिश्नोई गैंग, राजू ठेहट और उदयपुर हत्याकांड के आरोपी

Ajmer: प्रदेश भर में बढ़ रही गैंगवार की वारदातों के साथ ही अन्य विशेष घटनाओं के चलते वर्ष 2022 से प्रदेश की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली अपराधियों की काल कोठरी हाई सिक्योरिटी जेल में भी कैदियों की रफ्तार दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है. 1 साल के भीतर जेल में बंद हार्डकोर कैदियों की संख्या 56 से 126 तक पहुंच गई है. इसमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग, राजू ठेहट, आनंदपाल के साथ ही आतंकी सोच से हत्या करने वाले उदयपुर हत्याकांड के आरोपी भी शामिल है. जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच अलग-अलग काल कोठरी में रखा जा रहा है.

आप सभी ने अलग अलग टीवी चैनल और अखबारों के माध्यम से साल के अंत में होने वाली कुछ ऐतिहासिक और विख्यात खबरें देखी होंगी. लेकिन यह खबर लीक से हटकर है और इससे यह भी आकलन किया जा सकता है कि प्रदेश भर में गैंगवार की घटनाओं के साथ ही आपराधिक वारदातों की तेज गति से बढ़ोतरी हो रही है.

राजस्थान में बढ़ते अपराध और गैंगवार की घटनाओं में गिरफ्तार गैंगस्टर के साथ ही अन्य आपराधिक घटनाओं और जेल से हो रही गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष 2015 में प्रदेश की सबसे सुरक्षित हाई सिक्योरिटी जेल बनाई गई थी . इस जेल में एक हार्डकोर को एक ही काल कोठरी में रखा जाता है . जिससे कि वह एक दूसरे से संपर्क भी नहीं कर सके. जिसके चलते वह यहां से बाहर निकलने की फिराक में रहते हैं और अपने जिले की जैल में ही रहना पसंद करते हैं . जहां से कि वह अपना नेटवर्क चला सके. लेकिन इस तरह की गतिविधि त्रिस्तरीय सुरक्षा और उपकरण से लैस हाईसिक्योरिटी जेल से हार्डकोर अपराधी नहीं कर पाते. 2 कैदियों से शुरू हुई इस जेल में 2015 में 20 से अधिक कैदी बंद हो गए थे . उसके बाद धीरे-धीरे अपराधियों का ग्राफ बढने लगा और उनका आना जाना लगा रहा 2021 दिसंबर तक 56 कैदी इसमें बंद रहे .

विगत 1 साल में अपराधियों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है जिसमे मुख्य घटनाएं आतंकी सोच के साथ हुई उदयपुर की हत्याकांड मामला हो या फिर भीलवाड़ा में मादक प्रदार्थ तस्करी कर रहे राजू फौजी गैंग द्वारा पुलिस पर फायरिंग हो सीकर में गैंगवार के चलते राजू ठेहटहत्या कांड हो वहीं लॉरेंस बिश्नोई और आनंदपाल गैंग के अलावा जगन गुर्जर, शिवराज की ओर से लगातार गैंगवार की घटनाओं को अंजाम देने वाले कई हार्डकोर गैंगस्टर भी इस जेल में बंद है तो वही प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुई गैंगवार की घटना के अलावा अजमेर दरगाह के बाहर सर तन से जुदा करने के नारे लगाने वाले आरोपी और के साथ ही बीजेपी नेता नूपुर शर्मा का गला रेतने की सुपारी देने वाला आरोपी हो, ऐसे ही प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों की जेलों में बंद होने वाले हार्डकोर अपराधियों को प्रदेश की सबसे सुरक्षित कहीं जाने वाली हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है.

और इनकी संख्या 1 साल के भीतर ही 56 से बढ़कर 126 तक पहुंच गई है. 1 साल के भीतर अलग-अलग घटनाओं में वारदातों के साथ ही गैंगवार में शामिल ऐसे हार्डकोर अपराधियों को चयनित किया गया. जिन्हें हाई सिक्योरिटी जेल में रखा जा सके. इनकी संख्या 70 तक पहुंच गई है ऐसे में लॉरेंस बिश्नोई को भी इस जेल में रखा गया था जिसे अब अन्य प्रकरण में प्रोडक्शन वारंट के माध्यम से ले जाया गया और अन्य जेल में शिफ्ट किया गया है.

अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल के अधीक्षक पारसमल जांगिड़ ने बताया कि प्रदेश की सबसे सुरक्षित उच्चस्तरीय सुरक्षा जेल मैं लगातार हार्डकोर अपराधियों को शिफ्ट किया जा रहा है इस जेल में सुरक्षा के कड़े मापदंड रखे गए हैं त्रिस्तरीय सुरक्षा के बाद अंदर प्रवेश किया जाता है वही पल-पल की रिकॉर्डिंग भी की जाती है इस जेल में 264 कैदियों के रहने की क्षमता है.

 और सभी को अलग-अलग कोठरी में रखा जाता है ऐसे में यह सभी को सुरक्षा के साथ ही अन्य गतिविधियों पर भी तकनीक व सुरक्षा के बीच रखा जाता है. उन्होंने कहा कि इस जेल में प्रदेश के सभी लगभग सभी जिलों में होने वाली गैंगवार के मुख्य हार्डकोर अपराधी बंद है चाहे उसमें जयपुर हो कोटा हो उदयपुर हो सीकर हो या फिर भीलवाड़ा यहां सभी को अलग-अलग रखा जाता है जिससे की गैंगवार होने की संभावनाएं भी नहीं है.

Reporter- Ashok Bhati

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