Beawar: पुलिस का कारनामा, सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति को खिलाफ दर्ज किया केस
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Beawar: पुलिस का कारनामा, सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति को खिलाफ दर्ज किया केस

Beawar News ब्यावर में जयपुर-उदयपुर नेशनल हाईवे पर गत 16 फरवरी की रात को हुई तीन वाहनों की टक्कर होने के बाद भीषण आग लग गई थी, इस आग में तीनों वाहनों के चालकों सहित चार लोग की जिंदा जलकर मौत हो गई थी.

 

Beawar: पुलिस का कारनामा, सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति को खिलाफ दर्ज किया केस

Beawar: ब्यावर में जयपुर-उदयपुर नेशनल हाईवे पर गत 16 फरवरी की रात को हुई तीन वाहनों की टक्कर होने के बाद भीषण आग लग गई थी, इस आग में तीनों वाहनों के चालकों सहित चार लोग की जिंदा जलकर मौत हो गई थी.

वहीं, एक और घटना में राजस्थान पुलिस ने गर्भवती महिला और उसकी सास को पीटा जिसके बाद पुलिस सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही है. राजस्थान पुलिस का एक अजीब कारनामा सामने आया है. अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो रही पुलिस ने एक मृतक को आरोपी बनाकर उसके खिलाफ केस दर्ज किया है, यहां हैरान करने वाली बात है कि यह सारा माजरा अजमेर पुलिस की जानकारी में होने के बावजूद ऐसी घटना सामने आई है. अब लोग इस कृत्य के लिए पुलिस का मजाक बनाने मौका मिल गया है.

मृतक के भाई ने दर्ज कराई शिकायत

सदर थाना ब्यावर में गत 16 फरवरी की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे हुए भीषण अग्निकांड के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है. परिवादी बीकानेर निवासी रामचंद्र विश्नोई की रिपोर्ट पर ब्यावर सदर थाना पुलिस ने ट्रेलर चालक को आरोपी मानते हुए उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है, रिपोर्ट देने वाले रामचंद्र हादसे का शिकार हुए ट्रक चालक सुंदरलाल बिश्नोई और खलासी श्रवण विश्नोई आपस में चचेरे भाई हैं. हैरानी है कि ट्रेलर चालक कमलेश की हादसे में मौत हो गई थी. पुलिस को इस बात की जानकारी होने के बावजूद मृतक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया, परिवादी की ओर से दी गई शिकायत में भी ट्रेलर चालक की मौत का जिक्र लिखा है.

जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा बंद कर देंगे केस

पुलिस की इस लापरवाही के बारे में जी न्यूज ने अजमेर के पुलिस अधीक्षक अजमेर चुनाराम जाट से बात की तो उन्होंने बताया कि इतने बड़े हादसे के लिए किसी को तो जिम्मेदार ठहराना था इसके लिए ट्रक चालक के भाई ने ट्रेलर चालक के खिलाफ रिपोर्ट दी थी इसलिए मामला दर्ज कर लिया किया है. जिला पुलिस अधीक्षक जाट का कहना है कि आरोपी के मृत होने पर एफआर लगाकर केस बंद कर देंगे. जाट का कहना यह भी है कि कई बार केस दर्ज होने के बाद आरोपी मर जाता है तब भी पुलिस इसी तरह की कार्यवाही को अमल में लाती है.

वहीं ब्यावर के क्राइम अधिवक्ता संजय नाहर ने इस एफआईआर को गलत बताया है. नाहर ने जानकारी देते बताया कि यदि परिवादी और पुलिस दोनों की जानकारी में है कि आरोपी मर चुका है तो केस दर्ज करने का कोई औचित्य नहीं नापूर्ति के लिए मामला दर्ज किया होगा. अगर दर्ज कर लिया है तो उस पर कोई एक्शन नहीं होगा. एफआर लगाकर केस बंद कर दिया जाएगा.

Reporter- Dilip Chouhan

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