मीठी वाणी बोलने से पराए भी अपने हो जाते हैं- गोपालराम महाराज
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मीठी वाणी बोलने से पराए भी अपने हो जाते हैं- गोपालराम महाराज

धर्मसभा को संबोधित करते हुए संत गोपालराम महाराज ने कहा कि ईश्वर के भक्तों और संतों का जीवन सदैव मानव सेवा को समर्पित रहता है.

मीठी वाणी बोलने से पराए भी अपने हो जाते हैं- गोपालराम महाराज

Beawar: शहर के अजमेरी गेट स्थित रामद्वारा में अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के संस्थापक स्वामी श्री रामचरणजी महाराज के शिष्य स्वामी मुरलीराम महाराज का निर्वाण दिवस मनाया गया. इस दौरान आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए संत गोपालराम महाराज ने कहा कि ईश्वर के भक्तों और संतों का जीवन सदैव मानव सेवा को समर्पित रहता है. संतों के जीवन से प्रेरणा लेकर व्यक्ति को समाज कल्याण में अपना योगदान करना चाहिए. महाराज ने कहा कि हमेशा मानव सेवा के लिए समर्पित रहें. संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है. महाराज के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए संत गोपालराम महाराज ने बताया कि स्वामी मुरलीराम महाराज का जन्म मेड़ता नगर में निर्वाण रायपुर मारवाड़ में हुआ. 

संतों के उपदेश सदैव प्रेरणादायी होते हैं, जिन्हें आत्मसात कर व्यक्ति को अपना जीवन लोक कल्याण के कार्य में समर्पित करना चाहिए. इसी तरह महापुरुषों ने सदैव समाज का मार्गदर्शन कर मानव कल्याण के लिए प्रेरित करने का काम किया है. महाराज ने कहा कि दोस्तों के दिल में जगह बनाने के लिए मनुष्य को मीठी वाणी का इस्तेमाल करना चाहिए, अगर कोई अहंकार और गुस्से के साथ किसी से बात करता है तो उस व्यक्ति को ना तो कोई याद रखना चाहेगा ना ही उससे बात करना चाहेगा. महाराज ने स्वामी मुरलीराम महाराज की वाणी का सूत्र समझाते हुए कहा कि मीठा बोलने से पराए भी अपने हो जाते है.

Reporter- Dilip Chouhan

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