कार्यक्रम में पूर्व हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश चन्द सोमानी ने कथा का श्रवण कर आशीर्वाद प्राप्त किया. कथा के दौरान दिलखुश महाराज ने कन्या भ्रूण हत्या को महापाप बताते हुए कहा कि बालिकाओं को संरक्षण एवं शिक्षा पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि बालिकाओं को भी समाज में बराबर का हक एवं सम्मान मिलना चाहिए.
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Kishangarh: अरांई कस्बे में पोरवाल समाज द्वारा आयोजित शिव महापुराण ज्ञान यज्ञ तथा भद्रकाली मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आज विभिन्न स्थानों से पधारे संत महात्माओं ने भाग लिया. इस दौरान संतों ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि जो भी प्रभु का नाम स्मरण करता है, उसे किसी प्रकार का भय नहीं होता है तथा कष्ट और दुखों से मुक्ति प्राप्त होती है, इसलिए सदैव भगवान का स्मरण करना चाहिए.
मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए प्रभु का स्मरण ही एक मात्र सहारा है. आज टोंक के निवाई से प्रकाश दास महाराज, दयालु राम द्वारा से राम प्रकाश रामस्नेही महाराज, पुष्कर से रामभजन महाराज, सहित अन्य संत गण ने कार्यक्रम में भाग लेकर लोगों को आशीर्वाद प्रदान किया तथा प्रवचन दिये. वहीं, कथावाचक दिलखुशराम महाराज ने कथा के प्रवचन के दौरान भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया. इस दौरान समाज सहित गांव के लोग मौजूद थे.
जल चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं भोले नाथ
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात मंत्र से महादेव खुश होते हैं. अरांई में मां भद्रकाली प्राण प्रतिष्ठा महापर्व में आयोजित शिवपुराण कथा में दिलखुश महाराज ने बताया कि शिव को भोले बाबा इस लिए कहा जाता है क्योंकि वह सबसे सरल हैं. महादेव मात्र जल चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि समुद्र मंथन के दौरान शिव ने समुद्र से निकले विष को कंठ में धारण किया था, जिससे उन्हें जन अतिप्रिय हैं. शिव को जल चढ़ाते वक्त ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात मंत्र का उचारण करने से सभी पापों को नाश हो जाता है.
अखिल भारतीय पोरवाल समाज द्वारा आयोजित महाशिवपुराण कथा में अरांई के दयालु रामद्वारा के मंहत डॉ. रामप्रकाश महाराज ने बताया कि राम नाम के स्मरण मात्र से ही दुखों को नाश होता है. प्रतिदिन राम नाम का जाप करने से मन में शान्ति एवं ऊर्जा को संचार होता है. कथा के सठे दिन निवाई के रामदास रामस्नेही महाराज ने कथा में प्रवास किया.
गणेश वन्दना से होते हैं सभी काज पूरण
कथावाचक दिलखुश महाराज ने शिव पावर्ती विवाह के बाद गणेश जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया. उन्होंने बताया कि गणेश वन्दना से सभी कार्य सकुशल पूर्ण हो जाते हैं. प्रथम पूज्य गणेश बल एवं बुद्धि के दाता हैं. किसी भी कार्य के प्रारम्भ में गणेश निमंत्रण से कार्य सिद्ध हो जाता है. गणेश मातृ भक्ति के प्रतीक हैं. उन्होंने अपनी मां की आज्ञा पालन के दोरान अपना सिर कटवा लिया था. पावर्ती पुत्र गणेश ने बताया कि जीवन में माता-पिता से बढ़ कर कोई नहीं होता है. उन्होंने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर संदेश दिया कि यही सारी सृष्टि है. हमें अपने माता-पिता की सेवा कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. कथा में कार्तिक जन्म का प्रसंग सुनाया गया.
कन्या भ्रूण हत्या को बताया महापाप
कार्यक्रम में पूर्व हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश चन्द सोमानी ने कथा का श्रवण कर आशीर्वाद प्राप्त किया. कथा के दौरान दिलखुश महाराज ने कन्या भ्रूण हत्या को महापाप बताते हुए कहा कि बालिकाओं को संरक्षण एवं शिक्षा पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि बालिकाओं को भी समाज में बराबर का हक एवं सम्मान मिलना चाहिए. उन्होंने बाल विवाह पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए बालिकाओं के विकास को बढ़ावा देने की अपील की.
सतचंडी यज्ञ का आयोजन
मां भद्र काली प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें पण्डित कैशव शास्त्री ने विधि विधान के साथ मंत्रोचार से सतचंडी यज्ञ करवाया. उन्होंने बताया कि यज्ञ से पर्यावरण शुद्ध होता है एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यज्ञ में कस्बे एवं अखिल भारतीय पोरवाल समाज के लोगों ने आहुति देकर देश कल्याण की कामना कर आशीर्वाद प्राप्त किया.
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