सियाचिन में शहीद हुआ नागौर का लाल, 3 छोटे बच्चों के सिर से उठा पिता का हाथ
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सियाचिन में शहीद हुआ नागौर का लाल, 3 छोटे बच्चों के सिर से उठा पिता का हाथ

नागौर जिले (Nagaur News) का लाल हेमेन्द्र गोदारा जम्मू कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हो गए हैं. 

शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए.

Nagaur : राजस्थान के नागौर जिले (Nagaur News) का लाल हेमेन्द्र गोदारा जम्मू कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हो गए हैं. हेमेन्द्र नागौर जिले के इंदास गांव के रहने वाले थे. उनकी शहादत की खबर सुनते ही गांव में सन्नाटा पसर गया है. शहीद की पार्थिव देह शनिवार देर रात नागौर के जेएलएन अस्पताल पहुंचा. जहां से सुबह राजकीय सम्मान के साथ शहीद के पैतृक गांव इंदास के लिए रवाना हुए. इस दौरान शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए और शहीद हेमेंद्र गोदारा अमर रहे के नारे लगाए.

जानकारी के अनुसार भारतीय सेना (Indian Army) में राजपूताना राइफल के नायक 32 साल के हेमेन्द्र गोदारा जम्मू कश्मीर के सियाचिन में दुर्गम क्षेत्र की ऊंची बर्फीली चोटी पर तैनात थे. बहुत ज्यादा सर्दी होने से सांस में दिक्कत आने के बाद दस सितंबर को नायक हेमेन्द्र गोदारा कि अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. इसके बाद उन्हें नीचे लाया गया और 14 सितंबर से चंडीगढ़ स्थित आर्मी हॉस्पिटल में उनका इलाज शुरू किया गया, लेकिन डॉक्टर्स की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली.

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नागौर जिले के इंदास गांव निवासी बाबूलाल गोदारा के बड़े बेटे शहीद हेमेन्द्र गोदारा के दो छोटे भाई मूलाराम और सुरेन्द्र गोदारा गांव में ही कृषि कार्य करते हैं. हेमेन्द्र विवाहित थे और उनके 3 छोटे-छोटे बच्चे हैं. बड़ा बेटा 7 साल, मंझला बेटा 4 साल और सबसे छोटा बेटा नौ महीने का ही है. करीब पांच महीने पहले किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हेमेन्द्र गांव आए थे. अब शनिवार को शहादत की खबर सुनते ही परिवार और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी.

शहादत की खबर सुनते ही हर किसी की आंखे नम हो गई. वहीं, शहीद का पार्थिव देह राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव इंदास पहुंचा. पार्थिव देह को देखते ही शहीद माता, पिता के साथ पत्नी और दो बहनों, दोनों भाई बेसुध हो गये. वहीं, शहीद के तीनों बेटों को अभी तक अपने पिता के शहीद होने का ही पता नहीं मासूम निगाहों से अपने पिता का आने का इंतजार कर रहे हैं. पार्थिव देह गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों, परिजनों और उसके सहपाठियों के आंखों से आंसू छलक पड़े. 

वहीं, राजकीय सम्मान के साथ शहीद हेमेंद्र गोदारा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. पुत्र ने मुखाग्नि दी. इस दौरान नागौर के पूर्व सांसद सी आर चौधरी, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल, पद्मश्री सम्मानित हिम्मताराम भांभू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश परिवार को संवेदना व्यक्त करने पहुंचे.

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