गुंदोलाव तालाब के बीच में बना नागरीदास पैनोरमा हो रहा दुर्दशा का शिकार
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गुंदोलाव तालाब के बीच में बना नागरीदास पैनोरमा हो रहा दुर्दशा का शिकार

अजमेर के किशनगढ़ को देश मे कला और संस्कृति (Art Culture) का केंद्र बनाने वाले कृष्ण भक्त कवि नागिदास (Kavi Nagidas) किशनगढ़  के पूर्व महाराजा सावंत सिंह (Maharaja Sawant Singh) का नाम तो इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है लेकिन उनसे जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों को लेकर स्थानीय प्रशासन और सरकार कितनी संजीदा है.

पूर्व महाराजा सावंत सिंह

Kishangarh: अजमेर के किशनगढ़ को देश मे कला और संस्कृति (Art Culture) का केंद्र बनाने वाले कृष्ण भक्त कवि नागिदास (Kavi Nagidas) किशनगढ़  के पूर्व महाराजा सावंत सिंह (Maharaja Sawant Singh) का नाम तो इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है लेकिन उनसे जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों को लेकर स्थानीय प्रशासन और सरकार कितनी संजीदा है, इसका आईना किशनगढ में गुंदोलाव तालाब के बीच मे बना नागरीदास पनोरोमा है. पिछली वसुंधरा सरकार (Vasundhara Government) में प्रदेश का पहला पैनोरमा के रूप में अपनी पहचान बनाने वाला संत नागिदार पैनोरमा अपने गिरते वजूद पर आंसू बहा रहा है.

ऐसा नही की इसके निर्माण की कोशिश नही की गयी हो लेकिन इसके वजूद को लेकर सिर्फ लापरवाही और उदासीनता ही सर्दी में मोटी चादर ओढे दिख रही है. 75 से ज्यादा ग्रंथो के रचइता और कृष्ण की रसिक भक्ति में डूबे नागरीदास की आज किशनगढ भले ही 323 वीं जयंती मना रहा हो लेकिन अपने राजा की दुर्दशा देखने के बाद भी किशनगढ आवाम, शासन और सरकार मुह पर पट्टी बांधे बैठ कर अमन चैन की बंसी बजा रहे है.

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पर्यटन को बढ़ावा देने इतिहास को सजोने के लिए किशनगढ़ की गुंदलाव झील के बीचो-बीच मोखम विलास में संत नागरिक दास पैनोरमा का निर्माण किया गया. इसका लोकार्पण 3 साल पहले प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कर दिया था लेकिन पैनोरमा तक पहुंचने के लिए क्षतिग्रस्त रोड पर हादसे की आशंका के चलते आज तक यह बंद ही है और आम लोगों के लिए नहीं खोला गया. ऐसे में अब यह दुर्दशा का शिकार होने लगा है. राजस्थान विरासत संरक्षण और संवर्धन प्राधिकरण ने मोखम विलास में संत नागरिक दास पैनोरमा का निर्माण कार्य 6 अक्टूबर 2017 से शुरू किया. पैनोरमा में भूतल स्थित बरामदा और ऊपर बने कक्षों के नवीकरण और रंग रोहन समेत फर्श निर्माण कार्य किया.

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इसके लिए एक करोड़ 40 लाख रुपए खर्च किए गए. पैनोरमा में 22. 3D फाइबर मूर्ति 4 फाइबर पैनल और तीन मार्बल की बड़ी मूर्ति लगाई गई ताकि आने वाले पर्यटकों को आकर्षित कर सके लेकिन अब इन मूर्तियों को असामाजिक तत्वों ने पूरी तरह से खंडित कर दिया. पैनोरमा अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है इतना ही नहीं मुख्य द्वार पर लगा लोहे का भारी-भरकम गेट भी चोर चोरी करके ले गए. इस पूरे मामले में जब स्थानीय विधायक सुरेश टांक से बातचीत की तो उन्होंने भी इसे दुखद माना. उन्होंने बताया कि सरकार से बात कर वापस इसका निर्माण कराया जाएगा और मोखम विलास की ओर जाने वाली छतिग्रस्त पुलिया का भी रिटेलर करवा कर उसका निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा.

Reporter- Manveer Zee

 

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