प्रशासनिक अधिकारियों ने माना कि आपसी सामंजस्य नहीं होने से देर रात को पीडब्ल्यूडी और एडीए द्वारा मंदिर की चार दिवारी को अतिक्रमण मानते हुए तोड़ दिया गया. जिसे फिर से अदावत करने के साथी कार्रवाई में शामिल अधिकारियों की जांच भी की जाएगी.
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Ajmer News: वैशाली नगर रोड पर स्थित देवनारायण मंदिर का परिक्रमा मार्ग तोड़ने के मामले में जिला प्रशासन और गुर्जर समाज के बीच सहमति बन गई है. जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने माना कि आपसी सामंजस्य नहीं होने से देर रात को पीडब्ल्यूडी और एडीए द्वारा मंदिर की चार दिवारी को अतिक्रमण मानते हुए तोड़ दिया गया. जिसे फिर से अदावत करने के साथी कार्रवाई में शामिल अधिकारियों की जांच भी की जाएगी. इस आश्वासन के बाद सभी गुर्जर प्रतिनिधियों ने महापंचायत में ऐलान किया कि प्रशासन की ओर से चारदीवारी का निर्माण शुरू करने के साथ ही महापंचायत समाप्त कर दी जाएगी और अगर इसमें किसी तरह की लापरवाही बढ़ती गई तो फिर आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
गुर्जर नेता व पूर्व न्यायाधीश किशन गुर्जर ने बताया कि देर रात को चोरी-छिपे प्रशासन ने वैशाली नगर स्थित देवनारायण मंदिर की दीवार को तोड़ दिया. इस मामले में जब गुर्जर समाज ने अपना आंदोलन शुरू किया तो प्रशासनिक अधिकारियों ने सामंजस्य बनाने के साथ ही आश्वासन दिया और यह माना कि इसमें अधिकारियों की लापरवाही रही है और उनके द्वारा इसे अतिक्रमण बताया गया और उन्हें पुराने मामले की जानकारी नहीं दी गई.
जिसके कारण विवाद इतना बड़ा है ऐसे में इस मामले की जांच करने के साथ ही चारदीवारी बनाई जाएगी जिला कलेक्टर दी इस मामले में लापरवाही पर कटे हुए दिखे उन्हें पीडब्ल्यूडी व ईडी के अधिकारियों द्वारा भी गलत फीडबैक दिया जा रहा है. जिसका खामियाजा गुर्जर समाज को उठाना पड़ा और इस आंदोलन की शुरुआत हुई. फिलहाल इस मामले में प्रशासन के आश्वासन के बाद मामले को शांत करा लिया गया है और उन्होंने बताया कि यह मंदिर वर्षों पुराना है.
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आनासागर निर्माण के दौरान इसकी स्थापना हुई थी और सड़क भी बाद में बनी है साथ ही इस लिखकर कोर्ट में वाद भी दायर किया गया था जिसे भी समाज ने जीत लिया है लेकिन इसके बावजूद भी तोड़ने की कार्रवाई निंदनीय है इस तरह की कार्रवाई के कारण सरकार व प्रशासन पर शंका जाहिर होती है.