Right to health: डॉक्टरों और सरकार में टकराव, कहा- बिल को वापस लिया जाए
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Right to health: डॉक्टरों और सरकार में टकराव, कहा- बिल को वापस लिया जाए

  सरकार की और से प्रस्तावित राईट टू हेल्थ बिल का निजी चिकित्सकों ने विरोध किया है.

Right to health: डॉक्टरों और सरकार में टकराव, कहा- बिल को वापस लिया जाए

Clash between doctors and Rajasthan government:  सरकार की और से प्रस्तावित राईट टू हेल्थ बिल का निजी चिकित्सकों ने विरोध किया है. विरोधस्वरूप निजी चिकित्सालयों के चिकित्सक शनिवार से 24 घंटे की हड़ताल पर उतर गए है.

इस दौरान चिकित्सकों की और से आगामी 24 घंटे के लिए संपूर्ण सेवाएं बंद कर दी है. जिसके कारण रोगियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल पर उतरे चिकित्सकों के अनुसार सरकार अपनी हठधर्मिता के कारण राईट टू हेल्थ बिल को चिकित्सकों की बिना राय के ही चिकित्सकों पर थोपना चाहती है व इस बिल की विसंगतियों एवं सरकार के अडियल रूख के कारण सम्ंपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था संकट में है.

इससे आमजन को स्वास्थ्य लाभ के बजाए स्वास्थ्य हानि का अधिक सामना करना पडेगा. जिससे डॉक्टरी व्यवसाय तो परेशान होगा ही, साथ ही साथ आम जनता को भी इससे परेशानी का सामना करना पड़ेगा और यदि यह बिल पास होता है तो पब्लिक व समाज में फालतू की राजनीति करने वाले लोग ज्यादा पैदा होंगे. जिसका खामियाजा स्वास्थ्य रूप से परेशान आम आदमी को भुगतना पड़ेगा.

 इंडियन मेडिकल ऐसोशियसन ब्यावर के सम्ंपूर्ण चिकित्सकों ने राईट टू हेल्थ बिल का विरोध करते हुए सरकार व प्रशासन से यह आग्रह किया है कि राईट टू हेल्थ बिल को कतई पारित नही किया जावे एवं आम गरीब जनता व मेडिकल प्रोफेशन का ख्याल रखते हुए इस बिल को वापस लिया जाये.
शनिवार को हड़ताल में शामिल होने वालों में डॉ. प्रदीप शारदा, प्रदीप जैन, आरआर हेडा, एचके आनंदानी, सीपी सिंहल, रविन्द्रसिंह छाबडा, प्रकाश सुमेरसिंह लटियाल, आरसी सिंघवी, बीसी सोढ़ी तथा दिलीप चौधरी आदि शामिल थे.

Reporter: Dilip Chouhan

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