पुष्कर के खरखेड़ी रोड पर राजकीय महाविद्यालय के पास बुधवार शाम तेज रफ्तार और अनियंत्रित दौड़ती जीप ने गलत दिशा में जा कर मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी.
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Pushkar: पुष्कर की बाहरी सड़कों पर बेधड़क दौड़ती बेकाबू तेज रफ्तार थार जीप अब दुर्घटना और मौत का पर्याय बन चुकी हैं. हर थोड़े दिन के अंतराल में हो रही दुर्घटनाओं के बाद अब थार जीप की टक्कर से एक मासूम और एक अधेड़ की जान चली गई.
दरअसल पुष्कर के खरखेड़ी रोड पर राजकीय महाविद्यालय के पास बुधवार शाम तेज रफ्तार और अनियंत्रित दौड़ती जीप ने गलत दिशा में जा कर मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. इस हादसे में बाइक चालक और उसकी 2 साल की भतीजी गंभीर रूप से घायल हो गई. जिनकी हालत गंभीर होने के चलते उन्हें अजमेर के जेएलएन अस्पताल रेफर कर दिया गया. जहां उपचार के दौरान अजमेर के फाय सागर रोड काजीपुरा निवासी शंकर सिंह रावत और उनके छोटे भाई गणपत सिंह की ढाई साल की बेटी बेबी और देवी की उपचार के दौरान मौत हो गई. वहीं बाइक पर सवार शंकर रावत की पत्नी सपना घायल हो गई.
परिवार के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार शंकर सिंह रावत बुधवार शाम को पत्नी सपनावत छोटे भाई गणपत सिंह की ढाई साल की बेटी देवी उर्फ देवी के साथ बाइक पर ससुराल से काजीपुरा लौट रहा था. शाम 6:30 बजे पुष्कर में खड़ेखेड़ी सावित्री माता मंदिर के पास बाइक और जीप में टक्कर हो गई. हादसा इतना भीषण था कि बाइक जीप के नीचे आकर टूट गई. वहीं से गुजर रहे राहगीर पुखराज जयपाल ने घायल शंकर व मासूम देवी को अजमेर के जेएलएन अस्पताल पहुंचाया. सूचना पर पहुंची पुष्कर पुलिस ने थार चालक के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
डेजर्ट सफारी बनी काल
धार्मिक नगरी पुष्कर में डेजर्ट सफारी के नाम से दौड़ने वाली जीप काल का दूसरा पर्याय बन चुकी है. रोजाना हो रही दुर्घटनाओं के बीच अब यह सड़क पर चल रहे राहगीरों की जान को खतरा साबित हो रही है. बिना परमिट और गैर जिम्मेदाराना तरीकों से सैलानियों से चांदी कूट रही यह थार जीप पहले भी दुर्घटना का शिकार हो चुकी है. बावजूद इसके पुलिस और प्रशासन कार्रवाई के नाम पर महज चालान काट कर इतिश्री कर रहा है.
जिसका संरक्षण क्षेत्र के राजनेता कर रहे हैं. जीप संचालक राजनीतिक रैलियों में जीतू को निशुल्क सेवा के रूप में इन नेताओं को उपलब्ध कराते हैं. ऐसे में नेताओं के राजनीतिक संरक्षण के चलते इन पर कोई प्रभावी कार्रवाई संभव नहीं हो पाती.
आखिर कब लगेगा जीप सफारी पर प्रतिबंध?
लंबे अरसे से पर्यटक को बहला-फुसलाकर चांदी कूटने का यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है. हर थोड़े दिन के अंतराल में हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद स्थानीय प्रशासन और पुलिस इन जीप सफारी पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है. अवैध रूप से चल रही इन जीप सफारी संचालकों पास ना तो किसी प्रकार का परमिट है. साथ ही रेतीले धोरों में अपनी सुविधाओं के लिए कंक्रीट बिछाकर बनाए गए मार्गों से रेतीले धोरों का वास्तविक स्वरूप भी बिगड़ता जा रहा है. बावजूद इसके इन पर प्रतिबंध लगाने तो दूर इन पर नियंत्रण करना भी प्रशासन के लिए संभव नहीं हो पा रहा है.
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